Owaisi on CAA: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर एक बार फिर सियासत होने लगी है. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में एक रैली में कहा कि CAA जरूर आएगा. इसके बाद राज्य की मुख्मंत्री ममता बनर्जी ने अमित शाह के इस बयान की आलोचना की. अब CAA पर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है. ओवैसी ने CAA को 'असंवैधानिक' कहा है. उनके मुताबिक यह कानून धर्म पर आधारित है.


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CAA को बताया गैरसंविधानिक
ओवैसी ने हैदराबाद में मीडिया को बताया कि CAA NPR-NRC के द्वारा पढ़ा और समझा जाना चाहिए, जो नागरिकता साबित करने के लिए शर्तों को पूरा करेगा. उन्होंने कहा कि "अगर ऐसा होता है, तो यह नाइंसाफी होगी. खास तौर से मुसलमानों, दलितों और भारत के गरीब लोगों के लिए." 


इन लोगों के बना कानून
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार CAA के नियमों के साथ तैयार है. वह लोकसभा चुनावों से पहले बहुत कुछ लागू कर सकती है. सीएए, जिसे 2019 में पारित किया गया था, इसका मकसद उन गैर मुस्लिम बांग्लादेशियों, पाकिस्तानियों और अफगानितायों को भारत की नागरिकता देना है जो वहां सताए गए और 31 दिसंबर, 2014 के बाद भारत में प्रवेश किया था.


हुए थे विरोध प्रदर्शन
साल 2020 की शुरुआत में कानून को लागू करने के बाद मुस्लिम समुदाय और विपक्षी दलों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. इन लोगों ने इस कानून को 'भेदभावपूर्ण' बताया और कानून के वापस लेने की मांग की. पिछले महीने, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोई भी CAA के कार्यान्वयन को रोक नहीं सकता है, क्योंकि यह जमीन का कानून है.


मस्जिद वाले बयान पर सफाई
असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर अपना रुख साफ करने की मांग की, जिसमें उन्होंने कहा था कि राम मंदिर केवल शुरुआत है. ओवैसी ने कहा, "प्रधानमंत्री को देश को यह बताना चाहिए कि क्या उनके मंत्री सच बोल रहे हैं और क्या काशी, मथुरा, तेली वाली मस्जिद, सुनेहरी बाग मस्जिद और आरएसएस सूची में शामिल 30,000 से 35,000 मस्जिदों को हटा दिया जाएगा."