Stock Market: जनवरी से सितंबर तक निफ्टी लगातार चढ़ता रहा और 26,277.35 के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया. इसके बाद कुछ गिरावट के बाद साल का आखिर ठीकठाक वृद्धि के साथ हुआ.
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Share Market in 2024: 1 जनवरी की सुबह के साथ ही साल 2025 शुरू हो गया है. पुराने साल 2024 में आपने क्या खोया, क्या पाया? इसका हिसाब तो आपको पता ही होना चाहिए. इसी तरह यदि शेयर बाजार की बात करें तो पिछले कुछ समय से उठा-पटक के दौर से गुजर रहे इंडियन स्टॉक मार्केट ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. 2024 में पूरे साल के दौरान निवेशकों की संपत्ति 77.66 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ी. इस दौरान बीएसई सेंसेक्स आठ फीसदी से ज्यादा चढ़ गया. जानकारों ने कहा कि इस साल में उतार-चढ़ाव के साथ तेजड़ियों और मंदड़ियों के बीच रस्साकशी देखी गई.
निफ्टी ने लगातार नौवें साल पॉजिटिव रिटर्न दिया
दुनियाभर में चल रही अनिश्चितता के बीच भारतीय बाजारों ने निवेशकों को शानदार मुनाफा दिया. मेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, 'साल 2024 बाजारों के लिए चुनौतीपूर्ण लेकिन फायदेमंद रहा. जनवरी से सितंबर तक निफ्टी लगातार चढ़ता रहा और 26,277.35 के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया. इसके बाद कुछ गिरावट के बाद साल का आखिर ठीकठाक वृद्धि के साथ हुआ. एफआईआई की बिकवाली के बावजूद निफ्टी ने लगातार नौवें साल पॉजिटिव रिटर्न दिया.' इस साल 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स भी 5,898.75 अंक चढ़ गया.
सितंबर में सेंसेक्स 85,978 के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा
साल 2024 में सेंसेक्स 27 सितंबर को 85,978.25 को अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2024 में 77,66,260.19 करोड़ रुपये बढ़कर 4,41,95,106.44 करोड़ रुपये हो गया. इस साल आठ अप्रैल को पहली बार बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 400 लाख करोड़ के लेवल पर पहुंच गया था. पीएल कैपिटल - प्रभुदास लीलाधर के डायरेक्टर (रिसर्च) अमनीश अग्रवाल ने बताया 'साल की शुरुआत में महंगाई में कमी, ब्याज दर में कटौती और भाजपा के फिर से जीतने की उम्मीद में मजबूती तेजी देखी गई. ऐसे में सेंसेक्स रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. चुनाव परिणाम में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से बाजार में कुछ समय के लिए गिरावट देखने को मिली.'
उन्होंने कहा इसके बाद अगस्त में 'येन कैरी ट्रेड' को खत्म कर दिया गया, जिसने अस्थिरता के दौर को जन्म दिया. इन झटकों के बावजूद बाजार सितंबर में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. अग्रवाल ने कहा कि इसके बाद एफआईआई की बिकवाली, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद बढ़ी वैश्विक अनिश्चितताओं और बढ़ती महंगाई के चलते तेजी से गिरावट हुई. अक्टूबर में बीएसई सेंसेक्स 4,910.72 अंक गिर गया. मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पलक अरोड़ा चोपड़ा ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) उच्च मूल्यांकन के कारण मुनाफावसूली कर रहे हैं, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) लगातार बाजार का समर्थन कर रहे हैं. (इनपुट भाषा से)