Bilkis Bano Case: गुजरात उच्च न्यायालय ने बिलकिस बानो मामले के दोषी रमेश चंदना को 10 दिन की पैरोल दी है. दोषी 5 मार्च को होने वाली अपने भांजे की शादी में शामिल होगा. चंदना, जिन्होंने पिछले सप्ताह पैरोल के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था, इस मामले में पैरोल पाने वाले दूसरे दोषी हैं. बिल्कीस बानो मामले के सभी 11 दोषियों ने 21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गोधरा शहर की एक जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था.


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हाई कोर्ट ने दिया पैरोल
उन्हें 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. हाई कोर्ट में दिए आवेदन के मुताबिक दोषी-आवेदक ने अपनी बहन के बेटे के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए पैरोल छुट्टी की प्रार्थना की है. हाई कोर्ट ने कहा कि "इस आवेदन में आग्रह किए गए आधारों को ध्यान में रखते हुए, आवेदक-अभियुक्त को 10 दिन के लिए पैरोल अवकाश पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है."


पहले भी मिला पैरोल
सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार के हलफनामे के मुताबिक, चंदना ने 2008 में कैद के बाद से 1,198 दिनों की पैरोल और 378 दिनों की छुट्टी का आनंद लिया है. इससे पहले, मामले में एक अन्य दोषी प्रदीप मोधिया को उच्च न्यायालय की तरफ से उसकी पैरोल याचिका की अनुमति के बाद 7 से 11 फरवरी तक पैरोल पर गोधरा जेल से रिहा किया गया था. 


दोषियों को दी गई रिहाई
अगस्त 2022 में, राज्य सरकार द्वारा कारावास के दौरान उनके 'अच्छे आचरण' का हवाला देते हुए, 1992 की नीति को ध्यान में रखते हुए, आजीवन कारावास की सजा काट रहे 11 दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को सभी 11 दोषियों की सजा में छूट को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि राज्य सरकार के पास दोषियों को समय से पहले रिहाई देने का अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि 2002 के मामले की सुनवाई महाराष्ट्र में हुई थी.


दोषियों ने किया समर्पण
सुप्रीम कोर्ट ने तब दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल लौटने का आदेश दिया, जिन्हें 14 साल तक जेल में रहने के बाद 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर गोधरा जिला जेल से रिहा किया गया था.
सभी दोषियों ने 21 जनवरी को गोधरा जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.