BJP on Waqf Amendment Bill: 'वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024' को लेकर संसद के बाद अब सड़क से लेकर जेपीसी की बैठकों तक घमासान जारी है. विपक्षी दलों के साथ-साथ देश के कई मुस्लिम संगठन भी इस बिल को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं. देश के कुछ मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों की तरफ से जारी हमलों के जवाब में अब भाजपा ने भी जवाबी रणनीति तैयार कर ली है. 


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वफ्फ संशोधन विधेयक की सही तस्वीर
पार्टी की कोशिश है कि मुस्लिम समाज और खासकर वक्फ बोर्ड से जुड़े या वक्फ मामलों के जानकार ही मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर वक्फ संशोधन कानून और सरकार की मंशा को लेकर सही तस्वीर पेश करें और साथ ही ये लोग जेपीसी की बैठक में भी बि‍ल पर अपना पक्ष रखें. सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने इसे लेकर मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में एक अहम बैठक की. बैठक में भाजपा से जुड़े हुए देश के कई राज्यों के वक्फ बोर्ड के वर्तमान और पूर्व अध्यक्षों और वक्फ मामलों के जानकारों को बुलाया गया.


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मीटिंग में रहे ये लोग
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रभारी दुष्यंत गौतम और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी भी पार्टी की राष्ट्रीय टीम की तरफ से बैठक में मौजूद रहें. बैठक में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनावर पटेल, हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक चौधरी जाकिर हुसैन, शिया धर्म गुरु और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मौलाना हबीब हैदर, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं वक्फ मामलों के एक्सपर्ट निसार हुसैन, वक्फ काउंसिल के पूर्व सदस्य मोहम्मद हारून सहित कुछ कई अहम शख्स भी मौजूद रहे.


मीटिंग में नहीं आए ये लोग
गुजरात वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन लोखंडवाला और हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद राजबली को भी बैठक में शामिल होना था, लेकिन ये दोनों किन्‍हीं वजहों से बैठक में शामिल नहीं हो पाए. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में भाजपा के आला नेताओं की तरफ से कहा गया है कि बाकी संगठन और लोग जेपीसी में जाकर अपनी-अपनी बात रख रहे हैं, तो भाजपा से जुड़े मुस्लिम समुदाय, खासकर वक्फ बोर्ड से जुड़े वर्तमान एवं पूर्व अध्यक्ष, प्रशासक और वक्फ मामलों के जानकार भी जेपीसी की बैठक में जाकर अपनी बात रखें.


न लोगों के लिए फायदेमंद
बैठक में यह भी कहा गया है कि वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच जो भ्रम और डर का माहौल पैदा किया जा रहा है, उसे फैलने से रोका जाए. मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर सरकार की अच्छी मंशा के बारे में बताया जाए, इस कानून के फायदे गिनाए जाएं और साथ ही उन्हें यह भी बताने और समझाने की कोशिश की जाए कि यह संशोधन गरीब और पिछड़े मुसलमानों और मुस्लिम औरतों के लिए कितना फायदेमंद है. बताया जा रहा है कि ये सभी लोग देशभर में मुस्लिम समाज के विद्वानों, प्रभावशाली और अहम लोगों के साथ-साथ आम मुसलमानों के साथ भी चर्चा करेंगे. यह टीम जेपीसी के समक्ष जाकर भी बिल का पुरजोर समर्थन करेगी.