Chhatarpur News: महाराष्ट्र के नासिक में पैगंबर मोहम्मद (स) के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले एक धार्मिक नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला में मुसलमानों ने प्रोटेस्ट किया था. जिसमें 4 पुलिस जख्मी हो गए थे. जिसके बाद  जिला प्रशासन ने 22 अगस्त को एक मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली के घर समेत कई लोगों के घर को ध्वस्त कर दिया है. जिसके बाद पूरे देश में राजनीतिक बवाल मच गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पुलिस ने आरोपियों की निकाली परेड
अब पुलिस ने इस मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सभी आरोपियों की परेड कराई है. जिसमें पुलिस ने उनसे नारे लगवाए कि 'पत्थरबाजी पाप है. पुलिस हमारी बाप है.' छतरपुर के एसपी ने बताया है कि 100 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की गई है. जिसमें 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है और 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 



SP ने क्या कहा?


उन्होंने कहा कि जिस मुल्जिम के घर को बुलडोजर से गिराया गया, उसकी पहचान मकामी मुस्लिम नेता हाजी शहजाद अली के रूप में हुई है, जिसने विरोध प्रदर्शन की अगुआई की थी और भीड़ को उकसाया था. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए हाजी अली के बंगले के अलावा उनके भाई और मकामी पार्षद आज़ाद अली के साथ-साथ कुछ और आरोपियों की संपत्ति भी ध्वस्त कर दी गई. हाजी अली जिला कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष हैं, फिलहाल फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है.


क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के नासिक में एक कार्यक्रम के दौरान धार्मिक नेता रामगिरी महाराज ने पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की थी. जिसके बाद 21 अगस्त को छतरपुर जिले में 500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी कोतवाली थाने के बाहर इकट्ठा हुए थे और रामगिरी महाराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की. इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई. जिसमें 4 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे.


इन धाराओं में दर्ज है मुकदमा
घटना के बाद पुलिस ने 150 से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किया. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109, 196, 197(1), 299 समेत कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई. छतरपुर के जिला कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने बताया कि जिले में अवैध निर्माण के खिलाफ पहले से ही अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा है और हाजी अली को पहले भी नोटिस जारी किया गया था, क्योंकि उनका घर बिना इजाजत के बनाया गया था. हालांकि, घटना में उनकी कथित संलिप्तता सामने आने के बाद बुलडोजर उनके घर पर जल्दी आ गए होंगे.