Sanjauli Mosque Row: उत्तराखंड के शिमला में मौजूद संजौली मस्जिद के तोड़े जाने काम जारी है. मस्जिद के हिस्से को तोड़ने का काम नगर निगम आयुक्त की अदालत के आदेश के बाद शुरू हुआ. संजौली मस्जिद को तोड़ने का काम मस्जिद समिति की तरफ से किया जा रहा है. मस्जिद की तीन मंजिल को ही तोड़ा जा रहा है. मस्जिद को तोड़ने का काम एक दिन हुआ है इसके दूसरे दिन 'देवभूमि संघर्ष समिति' का दावा है कि मस्जिद को तोड़ने का काम बहुत धीमे किया जा रहा है. 


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धीमी रफ्तार से हो रहा काम
मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन कर रही 'देवभूमि संघर्ष समिति' (DSS) के सह-संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि सोमवार को एक दिन के काम में केवल चार चादरें हटाई गईं. उन्होंने कहा, "जिस रफ्तार से मस्जिद के हिस्से को तोड़ने का काम जारी है, वह चिंता का विषय है. अगर मस्जिद को गिराने के लिए मस्जिद समिति के पास पैसे नहीं हैं, तो वह सनातनियों को बुला सकते हैं और हम एक रुपया भी नहीं लेंगे. हम अपने घरों से अपना खाना भी लाएंगे और मलबा भी वहां नहीं छोड़ेंगे." उन्होंने मस्जिद समिति की तरफ से किए जा रहे काम को "नौटंकी" करार दिया.


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वक्फ बोर्ड हुआ राजी
आपको बता दें कि 'वक्फ बोर्ड' की हरी झंडी के बाद सोमवार को मस्जिद के कथिक गैरकानूनी हिस्से को तोड़ने का काम शुरू हुआ. नगर निगम आयुक्त की अदालत के पांच अक्टूबर के आदेश के बाद मस्जिद के हिससे को तोड़ने का काम शुरू हुआ. अदालत ने वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद समिति के अध्यक्ष को दो महीने के भीतर अपने खर्च पर पांच मंजिला मस्जिद की तीन मंजिलों को तोड़ने की हिदायत दी थी. कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच छत को हटाने के साथ तीन मंजिलों को तोड़ने का काम शुरू हुआ.


मस्जिद कमेटी की दलील
मस्जिद प्रबंध समिति के अध्यक्ष मुहम्मद लतीफ ने कहा "हमने छत हटाने का ठेका दिया है, जो अक्टूबर में किया जाएगा और अदालत की तरफ से दिए गए वक्त में हिस्से को तोड़ दिया जाएगा या हम ज्यादा वक्त मांगेंगे, क्योंकि पैसों की कमी एक मुद्दा है." लतीफ ने कहा, "धन अहम मुद्दा है, क्योंकि न तो जनता और न ही सरकार संरचना को ध्वस्त करने के लिए पैसे देगी और मस्जिद समिति को अपने सीमित संसाधनों से खर्च वहन करना होगा." लतीफ उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जिसने 12 सितंबर को नगर निगम आयुक्त की अदालत के सामने एक ज्ञापन दिया था. ज्ञापन में मस्जिद की अवैध मंजिलों को तोड़ने की पेशकश की गई थी.