Gurugram Imam Murder Case: सोमवार को गुरुग्राम के तिगरा गांव में एक महापंचायत के बाद गठित समिति ने मुस्जिद के इमाम की हत्या की निष्पक्ष जांच के लिए एक एसआईटी के गठन की मांग की, जिसमें दावा किया गया कि गांव के कुछ युवाओं को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.  डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को दिए ज्ञापन में समिति ने मस्जिद पर हमले के कारणों की जांच करने की भी मांग की. नूंह जिले में विश्व हिंदू परिषद के जुलूस पर हमले के कुछ घंटों बाद, 1 अगस्त की सुबह भीड़ द्वारा गुरुग्राम के सेक्टर 57 में एक धार्मिक स्थल पर हमला करने के आरोप में चार ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया था.


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गिरफ्तार युवकों को रिहा करने की मांग
समिति के लोगों ने कहा कि, पुलिस के पास गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सबूत नहीं है और उन्हें केवल बलि का बकरा बनाया गया है. इस सिलसिले में सोमवार को महापंचायत के 101 सदस्यों ने डीसी को ज्ञापन सौंपकर गिरफ्तार युवकों को रिहा करने की मांग की है. ज्ञापन में कहा गया है कि गिरफ्तारियां निराधार संदेह और झूठी जानकारी के आधार पर की गईं हैं. अपनी मांगों को लेकर गुरुग्राम उपायुक्त निशांत कुमार यादव और पुलिस कमिश्नर को महापंचायत कमेटी के सदस्यों ने ज्ञापन भी सौंपा है.



दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: DC 
ज्ञापन में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए सभी चार युवक अंकित, राहुल, राकेश और रविंदर एक ही परिवार और एक ही गांव के हैं. उनका इस वारदात से कोई लेना-देना नहीं है और वे घटनास्थल पर भी मौजूद नहीं थे. उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कमेटी को आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी. उन्होंने समिति के सदस्यों से कहा, जो दोषी होंगे उनके खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी, किसी निर्दोष को बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा. वहीं डिप्टी कमिश्नर ने गुरुग्राम के हालात पर बोलते हुए कहा कि गुरुग्राम में हालात सामान्य हैं. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और जिले की शांति व्यवस्था को बनाएं रखें. 


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