फिरकापरस्त सियासत के लैब का चूहा है मुसलमान, जहाँ 2024 में हुई 13 तरह के नए `जिहाद` की खोज!
Jihad in India: साल 2024 कई बातों के लिए याद किया जाएगा.. उसी में एक मुद्दा है जिहाद का. जिहाद इस्लाम में एक पवित्र और सम्मानित शब्द है, लेकिन साल 2024 में भारत में इसका बहुत ज्यादा दुरुपयोग किया गया. मुस्लिम अल्पसंख्यकों की छवि बिगाड़ने और वोटों के ध्रुविकरण के लिए सियासतदानों ने कई नए तरह के जिहाद का आविष्कार किया, जिसकी पूरी दुनिया में कोई मिसाल नहीं मिलती है! आइये हम 13 तरह के इन नए जिहाद के बारे में जानते हैं!
Type of Jihad in India: इस्लाम में 'जिहाद' एक पवित्र शब्द है. यह शब्द 'सत्याग्रह' का एक तरह से अरबी वर्जन है, जिसका मतलब होता है सच/ सत्य/ हक़ बात के लिए मुसलसल कोशिश/ प्रयत्न, संघर्ष और आन्दोलन करते रहना. हाँ, अगर किसी के जुल्म को रोकने और उसके खिलाफ हथियार उठाना पड़े तो उसे भी 'जिहाद' ही कहते हैं.. लेकिन धोखा, छल, फरेब, धमकी, बल प्रयोग, जुल्म ज्यादती और कोई अपराध करने को 'जिहाद' बिलकुल नहीं कहते हैं. इनका 'जिहाद' से दूर- दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है, लेकिन मुल्क की सांप्रदायिक राजनीति ने 'जिहाद' शब्द को भारत के मुसलमानों की छवि खराब करने और चुनाव में वोटों के साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है. बीते पूरे साल लोकसभा चुनाव हो या राज्यों के विधानसभा चुनाव, मुसलमानों के खिलाफ 'जिहाद' शब्द को खूब प्रचारित किया गया.
यूं तो देश में 'लव जिहाद' शब्द को 2016 से ही उछला जा रहा है, जिसे लेकर भरी संसद में तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह बयान दे चुके हैं कि देश में 'लव जिहाद' नाम का कोई संगठित अपराध या साजिश के कोई सबूत नहीं है. राजनाथ ने ये बयान NIA की रिपोर्ट के बाद दिया था, जिसकी जांच के बाद एजेंसी ने ऐसे किसी भी साजिश से इनकार किया था. इसके बावजूद देश में ' जिहाद' के कुछ नए आविष्कार किये गए. मुस्लिम समुदाय की हर छोटी- बड़ी गलती या अपराध को जबरन जिहाद का नाम दिया गया. कुछ किस्म के जिहाद तो जबरन मुसलमानों के सिर मढ़ दिया गया. मार्किट में थूक जिहाद, पेशाब जिहाद, बलगम जिहाद, बाढ़ जिहाद, लैंड जिहाद, UPSC जिहाद जैसे नए उत्पाद भी लॉन्च किये गए, जिससे जानकर ' असली जिहाद' शब्द भी शर्मिंदा हो जाएगा.. हम यहाँ कुल 113 तरह जे जिहाद की चर्चा करेंगे.
लव जिहाद
लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनावों में इस किस्म के जिहाद का खूब प्रचार किया गया.. सालों पहले हुई हिन्दू- मुस्लिम शादी के गड़े मुर्दे भी उखाड़े गए. मुस्लिम- हिन्दू लड़के लड़की के बातचीत करने, साथ में घूमने, एक दूसरे से संपर्क रखने को भी लव जिहाद बताया गया. मर्ज़ी से की गई अंतरधार्मिक शादियों को भी लव जिहाद बताया गया. इस्लाम में शादी के पहले किसी लड़की से बात करना और उसका चेहरा देखना भी हराम बताया गया है, लेकिन कुछ छपरी टाइप मुसलमानों की वजह से पूरे इस्लाम और मुसलमान को इसका दोषी बताया गया.
धर्म जिहाद
धर्म जिहाद को लव जिहाद का ही असोसिएट symptom बताया गया है. बताया जाता है कि ये दोनों साथ आता है. लव जिहाद का अगला प्रोसेस धर्म जिहाद ही है. जब कोई मुस्लिम लड़की को प्रेम जाल में फंसा लेता है तो शादी कर उसका जबरन धर्म बदल देता है.. UP, UK, MP, असम , कर्नाटक में हजारों नौजावान इस जुल्म के इलज़ाम में जेल में बंद है. इस्लाम में किसी इंसान पर जबरन धर्म थोपने की मनाही है. इस्लाम दिल से मानना ज़रूरी है. लेकिन कुछ चंद लोगों की गलतियों की वजह से पूरे मुसलमान और इस्लाम को इसका कसूरवार बनाया गया..
थूक जिहाद
उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में एक होटल में काम करने वाला लड़का सोहेल रोटी बनाते हुए उसमें थूक लगा रहा था, किसी ने इस हरकत को अपने मोबाइल में कैद कर लिया. ऐसे माममें दर्ज़न भर से ज्यादा रिपोर्ट किये गए, जिसके बाद एक नए जिहाद का जन्म हुआ, धर्म के ठेकेदारों ने इसे 'थूक जिहाद' का नाम दिया. देश में 25 करोड़ की मुस्लिम आबादी में अगर 50 लोगों ने भी ये गलती की तो उसका खमियाजा पूरे 25 करोड़ मुसलमान के सर लाड दिया गया.
पेशाब जिहाद
यूपी के गाजियाबाद में भरे बाज़ार में पेशाब करने के लिए कोई जगह नहीं थी, तो जूस बेचने वाल मुस्लिम दुकानदार एक डब्बे में दिनभर पेशाब करता था और रात में उसे बाहर फेंक आता था. दुकान का मलिक उसका ये राज़ जानता था. एक दिन जब किराए को लेकर कोई विवाद हुआ तो मालिक ने ये राज़ बाहर कर दिया. इसके बाद . 'पेशाब जिहाद' का आविष्कार हुआ. इसलिए इस हरकत को जिहाद से जोड़ते हुए इसे 'खुशी जूस सेंटर' के मालिक आमिर को पुलिस ने जूस में पेशाब मिलाने के आरोप में गिरफ्तार भी किया था.
लैंड जिहाद
कुछ छपरी मुसलमान सरकारी जमीन कब्जाने के इरादे और बाबागिरी करने के लिए कभी कभार फर्जी मजार बना लेते हैं. इस बात में सच्चाई भी है. लेकिन इसकी आड़ में मध्यप्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड में 'लैंड जिहाद' का एक नया जिहाद मार्किट में लाया गया..कई असली मजार भी तोड़ दिए गए.. हिन्दू- मुस्लिम के निजी जमीन विवाद को भी लैंड जिहाद बता दिया गया. बीजेपी ने झारखंड सरकार पर 'लैंड जिहाद' को बढ़ावा देने का आरोप लगा रही है, और आदिवासियों के जमीन को मुसलमानों को बांटने की बात भी कर रही है.
वोट जिहाद
'वोट जिहाद' की बात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के वक्त शुरू हुई, जब महाराष्ट्र के उस वक्त के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुसलमानों पर आरोप लगाया था कि सारे मुसलमान एक साथ होकर बीजेपी के खिलाफ वोट करते हैं. बात मुसलमानों की हो और जिहाद शब्द ना जुड़े ऐसा कैसे हो सकता था. बदले में हिन्दू वोटर्स से भी एकजुट होकर भाजपा को वोट करने की अपील की गयी. बात इससे नहीं बनी तो बटेंगे तो कटेंगे का नारा भी दिया गया. हिन्दू वोटर भाजपा को वोट करे तो समजदारी, विकास और राष्ट्रवाद और मुस्लमान भाजपा को वोट न दे तो वोट जिहाद ?
रेल जिहाद
बीते कुछ महीनों पहले देश में लगातार कई रेल हादसे हुए. इस हादसों में आरोप लगा कि इलाके के मुस्लिम पटरी पर जानकर कुछ ऐसी चीजें रख देते हैं, जिससे हादसा हो जाता है. मुसलमानों को टारगेट करने के लिए 'रेल जिहाद' लाया गया. इसे हवा देने के लिए पाकिस्तान के विडियो को भारत का बातकर वायरल किया गया. दिल्ली के बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने इसे 'रेल जिहाद' का नाम दिया था. कपिल मिश्रा ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए बेबाकी ढंग से कहा कि "देश में जो रेल हादसे हो रहे हैं, ये हादसे नहीं, किसी की साजिश हैं, पीएम मोदी को बदनाम करने की. जब वंदे भारत चल रही है तो पत्थर मारो, ट्रेन की पटरी पर सिलेंडर रख दो." इन सभी के पीछे भी जिहाद शब्द जोड़कर मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश की गई. हालांकि, इस मामले में अमित, सुरेश, महेश आदि जैसे लोगों की गिरफ़्तारी होने के बाद रेल जिहाद जल्द ही एक्सपायर हो गया!
UPSC जिहाद
साल 2024 में एक और जिहाद ने जन्म लिया, जिसका नाम 'UPSC जिहाद' रखा गया. UPSC जिहाद के बारे में कालीचरण महाराज ने सबसे पहले ये बात लोगों के दिमाग में डाली, जब कुछ लोगों के द्वारा यूपीएससी की परीक्षा उर्दू में करने देने की मांग होने लगी. कालीचरण ने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि "UPSC जिहाद के जरिए लोग परीक्षा को उर्दू में कराएंगे और पेपर चेक करने वाले सारे मुसलमान होंगे." हालांकि, इससे पहले ही अमेरिका की खोज करने वाले कोलंबस की तरह सुदर्शन न्यूज़ चैनल ने 2023 में ही UPSC में 44 मुस्लिम उमीदवारों के चयन पर 'UPSC जिहाद' की खोज कर ली थी..लेकिन UPSC ने खुद खंडन कर 'UPSC जिहाद' की खोज पर पानी फेर दिया!
कारोबार जिहाद
साल 2024 के सावन में एक नई चीज देखने को मिली, जहां यूपी में तमाम मुसलमानों को इस बात की हिदायत दी गई कि अपने दुकानों पर अपने नाम पर तख्ती लटकाकर सामान बेचे, ताकि सावन में हिंदू श्रद्धालुओं को इस बात की जानकारी हो कि वह जहां से सामान खरीद रहे हैं, वह हिंदू की दुकान है या किसी मुसलमान की. ये एक तरीका था मुस्लिम व्यापारियों के बाजार को कमजोर करने की, लेकिन कुछ कट्टरपंथियों ने इसे भी 'कारोबार जिहाद' का नाम देकर मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश की, उन लोगों ने मुसलमानों पर आरोप लगाया कि मुसलमान अपना नाम बदलकर और हाथ में कलावा पहनकर हिंदुओं को सामान बेचते हैं, जिससे उनका धर्मभ्रष्ट हो रहा है. वह व्यापार जिहाद करते हैं.. इस तरह मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार करने के लिए उनपर 'कारोबार जिहाद' थोप दिया गया.
जैविक जिहाद
एक तरह लोग 'थूक जिहाद' से बाहर निकले ही नहीं थे कि यूपी के बागपत में ही 'जैविक जिहाद' नाम से एक मुसीबत ने दस्तक दे दी. इस मामले में कुछ लोगों पर आरोप है कि उन लोगों ने टीबी बीमारी के बलगम वैक्टीरिया को पिलाकर डिप्टी CMO और उनके परिवार को मारने की कोशिश की. इस मामले में ठेके पर बहाल लैब टेक्नीशियन मुशीर अहमद और जब्बार खान को आरोपी बताया गया था.
बाढ़ जिहाद
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मुंह से सबसे पहले 'बाढ़ जिहाद' का जिक्र सामने आया था. जब उन्होंने गुवाहाटी में आए बाढ़ की वजह यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) को दोषी बताया था. इस यूनिवर्सिटी का ऑनर एक मुस्लिम है, इसलिए इसको एक जिहाद का रूप दिया गया. सीएम ने इलज़ाम लगाया है कि "उस यूनिवर्सिटी की इमारत की वजह से पानी की निकासी ठीक तरीके से नहीं हो रही है, जो शहर में बाढ़ का कारण बन गई है." ऐसे में असम में 'बाढ़ जिहाद' एक अहम मुद्दा बन गया.
मजदूर जिहाद
झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के गरीब मजदूरों को नौकरी के नाम पर काम कराकर पैसे ना देने को बीजेपी के नेताओं ने 'मजदूर जिहाद' का नाम दिया है. बीजेपी के नेताओं ने झारखंड सरकार पर मजदूरों के शोषण का इल्जाम लगाया है, और उसे 'मजदूर जिहाद' के रूप देश भर में एक मुद्दा बना दिया.
जनसंख्या जिहाद
देश में बढ़ती मुसलमानों की आबादी और घटती हिंदुओं की आबादी से लोगों में 'जनसंख्या जिहाद' की चर्चा शुरू हो गई है. बीजेपी के नेताओं के मुताबिक देश में 100 करोड़ हिंदुओं की आबादी घटकर 94 करोड़ हो गई है. वहीं मुसलमानों की आबादी 5 करोड़ के करीब बढ़ गई है, ऐसे में बीजेपी के कई नेताओं ने इसे 'जनसंख्या जिहाद' का नाम दिया है.