Waqf Board Bill: लोकसभा में पेश वक्फ बोर्ड बिल को लेकर संसद में विपक्षी दलों के भारी विरोध के बाद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में प्रस्ताव रखकर इस बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी में भेज दिया है. लेकिन इसको लेकर सियासत अब भी जारी है. सत्तारूढ़ एनडीए पर विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' लगातार हमले कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस नेता व किशनंगज से सांसद मोहम्मद जावेद ने कहा कि इस विधेयक को वापस लिया जाना चाहिए.


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दरअसल, वक्फ (अमेंडमेट) विधेयक पर विचार के लिए गठित संसद की ज्वाइंट कमेटी के सदस्य डॉक्टर जावेद ने  बुधवार को कहा कि इस बिल को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि "यह सिर्फ गरीबों की जमीन हथियाने और सरकार की नाकामियों से ध्यान भटकाने की कोशिश है." 


नीतीश कुमार RSS के एंजेडे पर चल रहें हैं; सांसद जावेद
वहीं,  उन्होंने नीतीश कुमार को भी निसान पर लेते हुए यह दावा किया कि जेडीयू इस बिल पर खुलकर सरकार के साथ हैं और वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एजेंडे पर चल रही हैं. इस अहम बैठक से पहले जावेद ने  कहा, "वक्फ धार्मिक मकसद और गरीबों के कल्याण के लिए होता है. ये (सरकार) एक तरीका ढूंढना चाहते हैं कि गरीब मुसलमानों की जमीन हथियाई जा सके. इनकी नीयत साफ नहीं है."


सरकार अपनी नाकामियां छिपाने और ध्यान भटकाने के लिए यह बिल लाया है; कांग्रेस
बिहार के किशनगंज से लोकसभा सदस्य ने आगे कहा, "जो सच्चाई है वो (बैठक में) कहेंगे. हमारी तरफ से यह बात रखी जाएगी कि संविधान हमें इजाजत देता है कि हम गरीबों के लिए जमीन दान में दे सकते हैं और उसकी हिफाजत कर सकते हैं. सरकार का इन संपत्तियों को लेना जायज नहीं है. इस बिल को वापस लिया जाना चाहिए."  


कांग्रेस नेता जावेद ने आरोप लगाया कि सरकार की नाकामियां छिपाने और ध्यान भटकाने के लिए यह बिल लाया गया है. वक्फ (अमेंडमेंट) बिल पर जेडीयू और नीतीश कुमार के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने दावा किया, "उनका रुख साफ है. वे लोग BJP के साथ हैं. उनकी सोच आरएसएस की सोच है. उनका वोट आरएसएस की तरफ जाता है. ये सिर्फ अच्छी बातें करते हैं और लोगों को गुमराह करते हैं. ये आरएसएस के एजेंडा पर चलते हैं."


कब होगी जेपीसी की पहली बैठक?
बता दें कि जावेद का यह बयान JPC की पहली बैठक से ठीक एक दिन पहले यानी आज आया है. वक्फ (संशोधन) बिल पर विचार करने के लिए जेपीसी की पहली बैठक बृहस्पतिवार को होगी, जिसमें इस कमेटी के मेंबर अल्पसंख्यक कार्य और विधि एवं न्याय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे.