Abbas Ansari Relief from SC: पूर्व सांसद मुख्तार अंसारी  के बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अब्बास अंसारी को आर्म्स लाइसेंस केस में जमानत मिल गई है. बीते साल नवंबर में इलाहाबाद HC से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद अब्बास अंसार ने SC के दरवाजे पर दस्तक दी थी. अब्बास अंसारी पर हथियार लाइसेंस और गन खरीदने में गड़बड़ी करने के आरोप में अक्टूबर 2019 में रिपोर्ट दर्ज की गई थी. उत्तर पुलिस ने शूटिंग मुकाबलों के बहाने गैर मुल्की बंदूकें खरीदने के इल्जाम में अब्बास अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में जमानत अर्जी पर नोटिस जारी करके यूपी  सरकार से जवाब तलब किया था. 


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कपिल सिब्बल ने कही ये बात
अब्बास अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में पैरवी करते हुए कहा  कि, साल 2015 में लाइसेंस के इम्पोर्ट के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया गया था और डिपार्टमेंट इसे जारी करता है. FIR में जिस वाक्य का जिक्र किया गया है, उस वक्त तो अब्बास पैदा ही नहीं हुआ था. वहीं जो दूसरी FIR दर्ज है, उस वक्त तो अब्बास की आयु सिर्फ 6 साल थी. भले ही इस मामले में मुख्तार के बेटे के हक में कोर्ट का फैसला आया है लेकिन, जेल से बाहर आने की उसकी राह आसान नहीं हैं. क्योंकि, उसके खिलाफ कई और केस भी दर्ज हैं. 



 मुख्तार अंसारी पर शिकंजा
वहीं, दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी को 13 मार्च को वाराणसी की एक एमपी-एमएलए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उनपर दो लाख का जुर्माना भी लगाया है. इससे पहले इसी अदालत ने ही 5 जून 2023 को अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अंसारी को 36 साल पुराने बंदूक के एक फर्जी लाइसेंस मामले में ये सजा सुनाई गई है. अंसारी इस वक्त यूपी के बांदा कारागार में बंद है. वह पहले से ही एक मामले में 10 साल की सजा काट रहे हैं. कुल मिलाकर उन्हें 7 मामलों में सजा मिल चुकी है. वहीं, अंसारी को धोखाधड़ी के कई ममालों में कोर्ट द्वारा बरी भी किया जा चुका है.