Muslim News: केरल में सुअर का गोश्त खाने का चैलेंज; नाराज हुआ ये मुस्लिम संगठन
Kerala News: केरल में एक संगठन ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ ने सुअर का गोश्त खाने का चैलेंज रखा. लेकिन एक मुस्लिम संगठन `सुन्नी युवाजना संगम` ने कहा कि यह उन लोगों के लिए अपमान है जो लोग त्रासदी में बचे हैं.
Kerala News: केरल की एक प्रभावशाली मुस्लिम संस्था से जुड़े एक इस्लामी विद्वान ने रविवार को ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (DYFI) की तरफ से मुनक्किद‘पोर्क चैलेंज’ (सुअर का गोश्त खाने का चैलेंज) प्रोग्राम की आलोचना की. DYFI ने हाल में वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद दोबारा घर बनाए जाने की कोशिशों में सरकार की मदद करने के लिए लोगों से चंदा जमा कराने के लिए कई तरीके अपनाए. उनमें एक तरीका ‘पोर्क चैलेंज’प्रोग्राम भी था.
मुस्लिम संगठन ने की आलोचना
मुस्लिम संगठन 'सुन्नी युवाजना संगम' (SYS) के राज्य सचिव नसर फैजी कुडाथई ने केरल में सत्तारूढ़ माकपा की युवा इकाई DYFI के इस प्रोग्राम की आलोचना की. नसर फैजी कुडाथई ने कहा कि वामपंथी संगठन "चैलेंज" के नाम पर ईशनिंदा करने की कोशिश कर रहा है. यह मुसलमानों का अपमान करने के समान है. फैजी ने कहा, "DYFI को पता है कि सूअर का मांस खाना त्रासदी के कई बचे लोगों के लिए वर्जित है. इसके बावजूद, संगठन की कोठामंगलम समिति ने इसे चुनौती में शामिल किया."
मुस्लिम विद्वान ने वापस ली पोस्ट
फेसबुक पोस्ट में जियाउद्दीन फैजी ने कहा: "देश में पोर्क चैलेंज का संचालन करने और उसका विरोध करने की आजादी है. हालांकि, मैंने यह महसूस करने के बाद अपना पोस्ट वापस ले लिया कि विवाद से चुनौती को और अधिक प्रचार मिलेगा और ऐसा लगता है कि इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद हैं."
बेचा गया सुअर का मांस
DYFI कोठमंगलम उत्तर स्थानीय समिति के सचिव रंजीत ने मीडिया को बताया कि यह चुनौती सफल रही और उन्होंने 375 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 517 किलोग्राम सूअर का मांस बेचा है. उन्होंने कहा, "हम वायनाड में प्रभावित लोगों के लिए धन जुटाने के वास्ते कई चुनौतियों और उत्सवों का आयोजन कर रहे हैं. यहां सूअर का मांस बेचने के नाम पर किसी ने कोई समस्या नहीं खड़ी की. यहां सूअर के मांस का बहुत बड़ा बाजार है और हमने इन सभी कारकों पर विचार करने के बाद यह चुनौती देने का फैसला किया है."
अपमानित करने के लिए खिलाया पोर्क
कुडाथई ने शनिवार को एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि कई (भूस्खलन) प्रभावित लोग सूअर का मांस खाना वर्जित मानते हैं, लेकिन DYFI इसे ऐसे लोगों को अपमानित करने के लिए एक चुनौती के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.