AMU प्रवेश परीक्षा से इंडो-इस्लामिक इतिहास के विषय हटाने पर यूनिवर्सिटी का आया बयान
AMU Indo Islamic Subjects: हाल ही में इल्जाम लगा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय (AMU) में इंडो-इस्लामिक इतिहास के कुछ विषयों को हटाया जा रहा है. लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से कहा गया है कि इस तरह के इल्जाम निराधार हैं.
AMU Indo Islamic Subjects: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) ने शनिवार को 11वीं कक्षा में प्रवेश परीक्षा के पाठ्यक्रम से इंडो-इस्लामिक इतिहास पर कुछ विषयों को "हटाने" की आशंकाओं को दूर किया. AMU ने एक आधिकारिक बयान में "यूनिवर्सिटी के चरित्र को कमजोर करने के मकसद से पाठ्यक्रम में जानबूझकर छेड़छाड़" के इल्जामों को "पूरी तरह से निराधार" बताया.
गलत है धारणा
यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि एक गलत धारणा बनाई जा रही है कि कुछ विषयों को हटाने का कदम नई कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून के निर्देश पर उठाया गया है. खातून को 22 अप्रैल को विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था, वह 100 से ज्यादा सालों में शीर्ष पद संभालने वाली पहली महिला कुलपति बनीं.
पाठ्यक्रम में होता है परवर्तन
सोशल मीडिया पर यह रिपोर्ट प्रसारित होने के बाद विवाद खड़ा हो गया कि यूनिवर्सिटी इंतेजामिया कथित तौर पर पिछले दरवाजे से कुछ ऐसे उपाय पेश करने की कोशिश कर रहा है जो संस्थान के "अल्पसंख्यक चरित्र" को खत्म कर देंगे. यूनिवर्सिटी के एक सीनियर अफसर ने बताया कि "पाठ्यक्रम को अपडेट करने की प्रक्रिया कोई नई बात नहीं है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, वक्त-वक्त पर पाठ्यक्रम को संशोधित करना हमेशा से एक परंपरा रही है."
रिपोर्ट के आधार पर फैसल
बयान में कहा गया है कि कुछ विषयों को हटाने का फैसला इस विषय के लिए गठित एक समिति की तरफ से तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर लिया गया था. विश्वविद्यालय ने परिसर में प्रसारित "असत्यापित रिपोर्ट" का भी खंडन किया.
क्या है इंडो इस्लामिक इतिहास?
इंडो इस्लामिक इतिहास में भारत में मुसलमानों के आगमन के बारे में जानकारी दी जाती है. भारत में मुसलमानों ने किस तरह का साशन किया और यहां पर कैसी छाप छोड़ी, साथ ही वह किस तरह के संस्कृति से रहते थे इसके बारे में जानकारी दी जाती है. इसके बाद भारत में इस्लामिक साशन कैसे खत्म हुआ और अंग्रेज कैसे आए इसके बारे में जानकारी मिलती है.