Qutub Minar Mughal Mosque: दिल्ली हाइ कोर्ट ने दिल्ली की मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक के खिलाफ एक पिटिशन पर सुनवाई की तारीख अब एक दिसंबर तय की है. दिल्ली वक्फ बोर्ड ( Delhi Waqf Board ) के द्वारा अपॉइंटेड मुगल मस्जिद ( Mughal Masjid )  मैनेजमेंट कमिटी ने पिछले साल हाइ कोर्ट ( Delhi High Court ) का दरवाजा खटखटाया था और ये इल्जाम लगाया था कि एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( ASI) के अफसरों ने 13 मई, 2022 को मस्जिद में नमाज पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जो "पूरी तरह गैर-कानूनी, मनमाना और नामुनासिब" है.


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जल्द सुनवाई करने के लिए पिटिशनर के दरख्वास्त को मानते हुए जस्टिस प्रतीक जालान ( Justice Prateek Jalan )  ने एक हालिया हुक्म में कहा, “01.12.2023 को लिस्टड करें. सुनवाई की अगली तारीख यानी 30.01.2024 रद्द की जाती है.” पिटिशनर के वकील एम सूफियान सिद्दीकी ( M M Sufiyan Siddique ) ने कहा कि पिछले साल तक मस्जिद के अंदर रेगुलर नमाज अदा की जा रही थी, लेकिन ASI ( Archeological Survey of India ) ने बिना किसी नोटिस के इस पर रोक लगा दी गई.


कोर्ट ने ASI को दिया था ये आदेश 
बता दें कि हाल में में कोर्ट ने एएसआई से प्रोटेक्टेड मोनुमेंट्स के अंदर मौजूद मजहबी जगहों पर अकीदतमंदो को इबादत या पूजा की इजाजत देने को लेकर नीति स्पष्ट करने को कहा था.


ASI ने क्या कहा?
वहीं एएसआई ने पिटिशन के जवाब में कहा है, "संबंधित मस्जिद कुतुब मीनार की सीमा के भीतर आती है और इस प्रकार संरक्षित क्षेत्र के भीतर है तथा वहां नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती".


इससे पहले कोर्ट ने  20 जुलाई को हुक्म देते हुए कहा था कि "क्या मस्जिद 24 जनवरी, 1914 की नोटिफिकेशन के तहत संरक्षित इलाके में शामिल है. क्या वहां पर नमाज यानी इबादत करने पर रोक लगाई जा सकती है".