Sanjauli Mosque: हिमाचल प्रदेश के शिमला में मौजूद संजौली मस्जिद पर विवाद जारी है. इस मामले को लेकर शनिवार, 7 सितंबर को शिमला नगर निगम आयुक्त की कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और अगली सुनवाई 5 अक्टूबर के लिए तय कर दी. लेकिन आज संजौली इलाके में डीजीपी के आदेश पर काफी संख्यां में पुलिस फोर्स तैनात किए गए हैं और पुलिस प्रशासन के बड़े अफसर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. 


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हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा ( DGP Atul Verma ) ने मस्जिद विवाद का जिक्र करते हुए सोमवार को कहा कि भारी संख्या में बल तैनात किया गया है और पुलिस स्थिति पर नजर रख रही है. वर्मा ने कहा, "यह एक स्थानीय विवाद है और शिमला जिला प्रशासन, नगर निगम और एसपी समेत अन्य विभागों की मदद से स्थिति को सुलझा रहे हैं."


उन्होंने कहा कि खुफिया जानकारी इकट्ठा की जा रही है. इंटेलिजेंस टीम और टेक्निकल टीम लगातार असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है. अगर कोई भी कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाएगा तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोग मस्जिद को गिराने के लिए सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट कर रहे हैं. डीजीपी ने आगे कहा कि कानून अपना काम करेगा और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी.  


भारी संख्यां में पुलिस बल क्यों किया तैनात?
आज भारी संख्यां में पुलिस बल तैनात क्यों किया गया है? डीजीपी ने  इस सवाल का जवाब देते हुए कहा भारी संख्या में बल तैनात इसलिए किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों का पंजीकरण प्रक्रिया है जारी है.


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हिन्दू संगठनों ने विधानसभा के पास किया प्रदर्शन
संजौली मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर हिंदू दक्षिणपंथी संस्थाओं ने गुरुवार को विधानसभा और संजौली के आसपास चौरा मैदान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था. हिंदू जागरण मंच की हिमाचल इकाई के अध्यक्ष कमल गौतम ने कहा था कि उनकी मांगों में वक्फ बोर्ड को खत्म करने और बाहरी लोगों के पंजीकरण के अलावा उन "अवैध संरचनाओं" को ध्वस्त करना शामिल है जहां राज्य में आने वाले बाहरी लोग शरण लेते हैं.


सीएम ने निर्देश किए जारी
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ( Sukhwinder Singh Sukkhu ) ने इस मामले को लेकर कहा था कि राज्य के सभी निवासियों के समान अधिकार हैं और वह सभी मजहबों का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा था, "शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की इजाजत हबै, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और शांति सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अफसरों को निर्देश जारी किए गए हैं."