Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में न्यायिक हिरासत के दौरान हुई अतीक अहमद और अशर के कत्ल में उत्तर प्रदेश पुलिस को क्लीन चिट मिल गई है. गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में हत्याकांड से जुड़ी न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट सौंपी गई. इस रिपोर्ट में हत्याकांड के ताल्लुक से पुलिस को क्लीन चिट दी गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि अतीक अहमद और अशरफ का कत्ल पहले बनाए गए प्लान के तहत नहीं हुआ था. पुलिस के लिए इस हत्याकांड को टालना मुम्किन नहीं था. ऐसे में रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस चौकन्नी थी. उसने कोई लापरवाही नहीं की. 


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पुलिस नहीं रोक सकती थी कत्ल
उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की मौत की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे ये पता चल सके कि पुलिस और इंतेजामिया की कोई मिलीभगत थी. ये रिपोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहब भोंसले की अध्यक्षता में बनाई गई है. इसमें पाया गया है कि मामले में पुलिस और इंतेजामिया की कोई मिलीभगत नहीं है.


यूपी विधानसभा में पेश रिपोर्ट
आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इसके बाद योगी कैबिनेट ने इस रिपोर्ट को सदन पटल पर रखने की इजाजत दी है. आपको बता दें कि पिछले साल 15 अप्रैल को पूर्व सांसद और उनके भाई अशरफ का कत्ल उस वक्त कर दिया गया था, जब वह जांच के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाए जा रहे थे. ये रिपोर्ट 87 गवाहों और बयान और सीसीटीव फुटेज के आधार पर बनाई गई. जांच आयोग ने पाया कि कत्ल अचानक हुआ.


जरूरत से ज्यादा थी पुलिस
रिपोर्ट में कहा गया है कि कत्ल नौ सेकेंड के अंदर हो गया. इसलिए पुलिस के लिए इसे रोक पाना मुम्किन नहीं था. रिपोर्ट के मुताबिक अतीक और अशरफ की सुरक्षा के लिए जरूरत से ज्यादा पुलिस की तैनाती की गई थी. जेल से लेकर रिमांड तक काफी तादाद में सिक्योरिटी थी. अतीक और अशरफ की सुरक्षा में मीडिया ने रुकावट डाली. रिपोर्ट में मीडिया पर सवाल उठाया गया.