क्या US-ब्रिटेन अब यमन में भी खेलेगा खूनी खेल; हूती ठिकानों के नाम पर शुरू की बमबारी
Houthi Rebels: अमेरिका और ब्रिटेन की सैनिकों ने एक संयुक्त ऑपरेशन में यमन में हूती ठिकानों को निशाना बनाया है. रॉयल एयर फोर्स के टाइफून FGR-4 विमानों ने तीन जगहों पर लक्षित इमारतों पर पेववे आईवी गाइडेड बम गिराए.
Houthi Rebels: अमेरिका और ब्रिटेन की सैनिकों ने एक संयुक्त ऑपरेशन में यमन में हूती ठिकानों को निशाना बनाया है. मौजूदा साल में जनवरी महीने से यमन में यह उनका पांचवां साझा ऑपरेशन है. ब्रिटेन के मिनिस्टरी ऑफ डिफेंस ने इस बात की पुष्टि की है कि लाल सागर और अदन की खाड़ी में इंटरनेशनल जहाजों पर हूती हमलों के जवाब में गुरुवार को हूती ठिकानों पर हमले किए गए.
मिनिस्टरी ने बताया कि खुफिया सूचना में अल हुदायदा के पास दो जगहों के बारे में पुष्टि की गई थी कि उनका इस्तेमाल जहाजों पर हमलों में किया गया था. इन इमारतों के बारे में बताया गया था कि वहां हमलों में इस्तेमाल किए गये ड्रोन के ग्राउंड कंट्रोल यूनिट हैं और लंबी दूरी तक जाने में सक्षम ड्रोन के स्टोरेज की सहूलियत है.
माना जा रहा है कि इंटरनेशनल जहाजों की सिक्योरिटी के लिए किए जाने वाले संयुक्त ऑपरेशन के खिलाफ लड़ाई के लिए वहां जमीन से हवा में मार करने वाले हथियार भी थे. इसके अलावा, यमन के तट से साउथ में गुलयफिका में भी हूती ठिकानों की पहचान की गई थी, जिनका इस्तेमाल ग्रुप जहाजों पर हमलों के लिए कमांड एंड कंट्रोल के रूप में कर रहा था.
रॉयल एयर फोर्स के टाइफून FGR-4 विमानों ने तीन जगहों पर लक्षित इमारतों पर पेववे आईवी गाइडेड बम गिराए. मिनिस्टरी ने कहा कि हमलों की योजना बनाते वक्त इस बात का "खास ध्यान" रखा गया था कि "किसी नागरिक या असैन्य ढांचे को नुकसान न हो."
हमले में 2 की मौत
हूती के अल मसीरा सेटेलाइट न्यूज के मुताबिक, एक हमले में दो लोग मारे गए और 10 लोग घायल हो गए. ब्रिटेन और अमेरिका की संयुक्त ऑपरेशन में इस साल 12 जनवरी से यह हूती ठिकानों पर पांचवां हमला है. हूतियों ने पिछले कई महीनों से लाल सागर और अदन की खाड़ी में मालवाहक जहाजों पर हमले बढ़ा दिए हैं. वे गाजा में इसराइली हमले बंद करने की मांग कर रहे हैं जिसमें 36 हजार से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है.
हूतियों ने अब तक इतने जहाजों को बनाया है निशाना
अमेरिकी समुद्री प्रशासन के मुताबिक, नवंबर 2023 से अबतक हूतियों ने 50 जहाजों पर हमले किए हैं, जबकि एक जहाज को डुबो दिया है और एक पर कब्जा कर लिया है. हूतियों के डर की वजह से लाल सागर और अदन की खाड़ी से जहाजों के ट्रान्सपोर्टेशन में कमी आई है.