Balochistan में पाक सेना पर उठते सवाल; जेल से बाहर आते ही लोगों पर होते हैं हमले
Balochistan: बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना जबरदस्ती लोगों को गिरफ्तार करती है और जब वह जेल से छूटकर आते हैं, तो उनपर हमले होते हैं. पूरी खबर पढ़ें.
Balochistan: बलूचिस्तान में जारी जुल्म और लोगों के जबरन गायब होने के बीच, पाकिस्तानी सिक्योरिटी फोर्स ने हाल ही में उन बलूच कार्यकर्ताओं और नेताओं को निशाना बनाया है, जो इन ह्यूमन राइट वॉयलेशन के खिलाफ आवाज उठाते हैं. बलूचिस्तान पोस्ट के मुताबिक, हाल ही में एक शख्स, जिसे पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के जरिए जबरन गायब कर दिया गया था, बलूचिस्तान के केच जिले के तुरबत में गोलीबारी की घटना में घायल हो गया.
कैद से छूटे लोगों पर हमले
रिपोर्ट में बताया गया है कि अज्ञात हथियारबंद हमलावरों ने तुर्बत के अपसर इलाके में मेहर-ए-होटल के पास गोली चलाई और पीड़ित को गंभीर रूप से घायल कर दिया. घायल शख्स की पहचान वाशदिल के बेटे आबिद के तौर पर हुई है. आबिद, अपसर का रहने वाला है और एक पंचर रिपेयर की दुकान पर काम करता है. उसे मार्च 2023 में पाकिस्तानी सेना ने अगवा कर लिया था और उसे 10 महीने तक कैद रखा गया था.
इस हमले ने उन लोगों को निशाना बनाने की संभावित नई रणनीति के बारे में फिक्र पैदा कर दी हैं जिन्हें पहले जबरन गायब कर दिया गया था,. पिछले महीने, सिंगानी सार में भी ऐसी ही घटना हुई थी, जहां पीड़ित बाल-बाल बच गया था.
इमतियाज़ इकबाल के साथ भी कुछ हुआ ऐसा
17 अगस्त 2024 को अपसर में एक और शख्स इम्तियाज़ इकबाल को निशाना बनाया गया. इम्तियाज को इससे पहले 17 मई 2024 को जबरन गायब कर दिया गया था. यह काफी हैरानी भरी बात है कि कैसे जेल से बाहर आते ही लोगों की हत्या हो जाती है.
आबिद बलूच का उठा मामला
फेमस बलूच कार्यकर्ता डॉ. महरंग बलूच ने एक्स पर हिंसा की निंदा करते हुए कहा, "आबिद बलूच, जिन्हें हाल ही में जबरन गायब किए जाने के बाद रिहा किया गया था, उन्हें तुर्बत में गोली मार दी गई और वे गंभीर रूप से घायल हो गए. यह दो महीनों में अपनी तरह का तीसरा हमला है. हम बलूचिस्तान में इस हिंसा को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं."