BSP चीफ मायावती ने कुंवर दानिश अली पर बोला हमला, कहा, `मुस्लिमों के साथ किया विश्वासघात`
Mayawati attacks Danish Ali: पिछले लोकसभा इलेक्शन में जब बसपा-सपा का गठबंधन हुआ था, तो इस सीट पर BSP ने कुंवर दानिश अली को अपना कैंडिडेट बनाया था. दानिश अली ने इस सीट से जीत हासिल की थी.
Mayawati attacks Danish Ali: BSP चीफ और उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने अमरोहा में चुनावी सभा को सबोधित करने पहुंची थी. जहां अमरोहा के मौजूदा सांसद और कांग्रेस कैंडिडेट कुंवर दानिश अली पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "जिनको हमने और आपने जिताकर पार्लियामेंट भेजा, उसने MP बनने के बाद न ही पार्टी और न ही जनता के मान सम्मान का ध्यान रखा."
मायावती ने आगे कहा, "उन्होंने अमरोहा की जनता के साथ विश्वासघात किया. इसलिए हमने सिटिंग सांसद को टिकट नहीं दिया, लेकिन मुस्लिम समाज को उसकी सजा नहीं दी. हमने टिकट बंटवारे में सभी लोगों को उचित भागेदारी दी है, जिनको कामयाब बनाने के लिए पूरी पार्टी के लिए लोग जी जान से लगे हुए हैं. आप लोगों को मालूम है कि अमरोहा लोकसभा सीट BSP ने जीती थी, लेकिन जिनको आप लोगों ने जिताकर भेजा, उस शख्स ने MP बनने के बाद न तो पार्टी के मान सम्मान रखा और न ही इस इलाके की जनता का मान सम्मान का ध्यान रखा. उन्होंने इस इलाके के विकास और उत्थान के लिए कोई कदम उठाया."
विश्वासघात का लगाया इल्जाम
इसके साथ ही उन्होंने कुंवर दानिश अली पर अमरोहा की जनता के साथ-साथ पार्टी के साथ विश्वासघात का इल्जाम लगाया है. मायावती ने कहा, "इसलिए हमने मजबूरी में उनकी जगह दूसरे व्यक्ति को इस बार अमरोहा का टिकट दिया है, लेकिन हमारी पार्टी ने जब BSP के मौजूदा सांसद ने विश्वासघात किया, तो हमने उनको टिकट तो नहीं दिया, लेकिन यहां के मुस्लिम समाज के लोग हैं, हमने उनके साथ विश्वासघात नहीं किया. मुस्लिम समाज के एक शख्स ने तो हमारे साथ विश्वासघात किया, लेकिन हमने मुस्लिम समाज को इसकी सजा नहीं दी है. उनके स्थान पर इस बार चौधरी मुजाहिद हुसैन को ही टिकट दिया है."
दानिश अली को बनाया था कैंडिडेट
वाजेह हो कि पिछले लोकसभा इलेक्शन में जब बसपा-सपा का गठबंधन हुआ था, तो इस सीट पर BSP ने कुंवर दानिश अली को अपना कैंडिडेट बनाया था. दानिश अली अमरोहा से जीत हासिल की थी. इस बार कांग्रेस ने कुंवर दानिश अली को अपना कैंडिडेट बनाया है. दरअसल, जब कुंवर दानिश अली पर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की तरफ से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया, BSP ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने उनके साथ खड़ी थी. जिसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया.