भारत से मिट गया परवेज मुशर्रफ का आखिरी नामोंनिशां; योगी सरकार ने बेच दी 13 बीघा जमीन
Pervez Musharraf Land Auction: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के भाई नुरू की 13 बीघा जमीन था. जिसका निलामी हो चुका है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
Pervez Musharraf Land Auction: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के भाई नुरू की 13 बीघा जमीन को नीलाम कर दिया है. तीन लोगों ने इस संपत्ति की कीमत 1.38 करोड़ रुपये लगाई है. आठ खसरा नंबर वाली भूमि की ई-नीलामी प्रक्रिया सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चली. यानी 10 घंटे में इस संपत्ति को खरीद लिया गया. शत्रु संपत्ति बिकने के साथ ही परवेज मुशर्रफ और उसके परिजन नुरू का नाम बागपत में हमेशा के लिए खत्म हो गया है. लखनऊ से ई-नीलामी की प्रक्रिया की जानकारी बागपत के प्रशासन को दे दी गई है. जमीन कों जनपद के ही तीन लोगो ने खरीदा है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बागपत के बड़ौत तहसील के कोताना गांव के रहने वाले नुरू साल 1965 में पाकिस्तान चले गए थे. नुरू को परवेज मुशर्रफ के कुटुंब का सदस्य बताया जाता है. नुरू के नाम से कोताना गांव में लगभग 13 बीघा जमीन है, जिसे सरकार ने साल 2010 में शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था. इस संपत्ति के आठ प्लाट यानी आठ खसरा नंबर है. जिनकी ई-नीलामी प्रक्रिया आज सुबह 11 बजे शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से शुरू हुई और रात नौ बजे समाप्त हुई.यह जमीन गांव में बांगर की है.
एडीएम ने क्या कहा?
एडीएम पंकज वर्मा का कहना है कि कोताना गांव के रहने वाले नुरू 1965 में पाकिस्तान चले गए थे. उनके नाम से शत्रु संपत्ति लगभग 13 बीघा राजस्व अभिलेखों में दर्ज है. साल 2010 में शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था. इस संपत्ति ई-नीलामी प्रक्रिया पूरी हो गई है. तीन लोगों ने इसे 1.38 करोड़ रुपये में खरीदा है. लगभग पौने पांच बीघा भूमि को बागपत के पंकज कुमार ने खरीदा है.
हमेशा के लिए खत्म हो गया परवेज मुशर्रफ का नाम
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की माता का नाम बेगम जरीन और पिता का नाम मुशर्रफुद्दीन था. शादी के बाद दोनों परिवार साल 1943 में गांव से दिल्ली चले गए थे. परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था. 1947 में परवेज मुशर्रफ का परिवार पाकिस्तान चला गया था.