तेहरान: मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के बीच ईरान और सऊदी के बीच कई अहम मुद्दों पर एक बैठक हुई.  ईरानी जस्टिस मिनिस्टर अमीन-होसैन रहीमी ने तेहरान में सऊदी राजदूत अब्दुल्ला बिन सऊद अल-अंजी के साथ बैठक की. इस दौरान दोनों फरीकों ने अलग-अलग इलाकों, खास तौर पर से ज्यूडिशियल और कानूनी क्षेत्रों में बाइलेट्रल रिलेशन्स का विस्तार करने की कसम खाई.


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रहीमी ने रविवार को 2023 से दोनों मुल्कों के बीच दोस्ताना तालुकात की बहाली पर संतोष व्यक्त किया, और "तेहरान और रियाद के बीच इफेक्टिव, मजबूत और रणनीतिक संबंधों को बहुत अहम और इंप्रेसिव " बताया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ईरान की सरकारी खबर एजेंसी आईआरएनए के हवाले से बताया.


रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने सभी मुल्कों, खौस तौर से पड़ोसी मुल्कों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करने की ईरानी सरकार की सैद्धांतिक नीति का जिक्र किया और कल्चरल, इकोनॉमी और सियासी इलाकों में ईरान और सऊदी अरब के बीच रिश्तों को बनाए रखने और बढ़ाने का आह्वान किया.


रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-अंजी ने अपनी तरफ से ईरानी फरीक के साथ अपनी बैठक को "प्रभावी" बताया और उम्मीद जताई कि सभी इलाकों में, खास तौर से ज्यूडिशियल और कानूनी क्षेत्रों में  बाइलेट्रल रिलेशन्स का विस्तार, दोनों "भाईचारे और दोस्ताना" मुल्कों के बीच रिश्तों में "यूनिक जंप" के लिए आधार तैयार करेगाय.


ईरान ने अल-अंजी को इस मामले में किया तलब
बुधवार को ईरान ने सऊदी अरब के ईस्टर्न प्रोविंस में ड्रग तस्करी के इल्जामों में दोषी ठहराए गए छह ईरानी नागरिकों की फांसी का विरोध करने के लिए अल-अंजी को तलब किया, जिसमें कहा गया कि फांसी दोनों मुल्कों के बीच ज्यूडिशियल कोऑपरेशन के कोशिशों का खंडन करती है.


शिया मौलवी को फांसी दिए जाने के बाद टूटे थे डिप्लोमेटि रिश्ते 
ईरान और सऊदी अरब ने औपचारिक रूप से अप्रैल 2023 में तत्काल प्रभाव से डिप्लोमेटि रिलेशन्स को फिर से शुरू करने का ऐलान किया.  सऊदी अरब ने ईरान में सऊदी डिप्लोमेटिक मिशंस पर हमलों के जवाब में 2016 की शुरुआत में ईरान के साथ डिप्लोमेटिक रिश्ते तोड़ लिए थे. ये हमले सऊदी अरब द्वारा एक शिया मौलवी को फांसी दिए जाने के बाद हुए थे. 


इससे पहले नवंबर 2024 में सऊदी सशस्त्र बलों के जनरल चीफ ऑफ स्टाफ फय्याद अल-रुवैली ने तेहरान में अपने ईरानी समकक्ष के साथ बातचीत की थी, जो 2023 में उनके डिप्लोमेटिक मेल-मिलाप के बाद दोनों क्षेत्रीय ताकतों के बीच डिफेंस रिलेशन्स में एक महत्वपूर्ण कदम था. अल-रुवैली ने सैन्य सहयोग को मजबूत करने के तरीकों का पता लगाने के लिए ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाकेरी से मुलाकात की.