Iran Saffron Shortage: ईरान में पर्यावरण बदलाव से पूरी दुनिया में महंगा हो रहा केसर
केसर व्यापारियों के मुताबिक पिछले साल केसर की कीमत पहले ही दोगुनी हो गई थी. ईरान के घरेलू बज़ार में केसर 1400 डॉलर प्रति किलोग्राम और विदोशों में 1800 डॉलर प्रति किलोग्राम बिक रहा है. व्यापारियों ने ये भी कहा कि कई चीनी व्यापारी बढ़ी हुई कीमतों के बाद वापस चले गए. इस साल जब वे फिर से वापस आएंगे तो उन्हें दाम सुनके और ज्यादा धक्का लगेगा.
Saffron Price Hike: अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार (Global Market) केसर की कमी का सामना कर रहे हैं. इस कमी का मुख्य कारण ईरान (Iran) में इस साल केसर की खराब फसल है फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान बेशकीमती मसालों का दुनिया में सबसे बड़ा सप्लायर है. केसर अपनी खुशबू, ज़ायके और रंग के लिए दुनिया में मशहूर और सबसे महंगे मसालों में से एक है. रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल 2022 के मुकाबले ईरान में केसर की पैदावार आधे से भी कम हुई है, ये आकड़ा इस लिए भी चिंता करने वाला है क्योंकि 90 फीसदी केसर की सप्लाई दुनिया भर में ईरान से होती है. ईरान में कम उत्पाद होने से पूरी दुनिया में केसर के दाम आसमान छू सकते हैं.
क्यों हो रही है केसर की कमी
केसर के कारोबरी और किसान इस कमी की वजह बदलते मौसम को मानते हैं. 'तोरबत-ए जाम' केसर एक्सचेंज के चीफ मोजतबा पायम-असगरी ने मीडिया को बताया कि, पिछली सर्दियों के दौरान बेहद कम तापमान रहा था, इस साल असाधारण हॉट स्प्रिंग और गर्मियों की वजह फसल पर बुरा असर पड़ा है. सिंचाई के लिए बने हजारों कुए पूरी तरह सूख गए हैं जिसकी वजह से स्थिति और भी गंभीर हो गई है. एक्सपर्ट ने भी चेतावनी दी है की मौसम में बदलाव फसल के लिए बेहद बूरा साबित हो सकता है. ईरानी मौसम विज्ञानिक मोहम्मद दरविश ने मीडिया आउटलेट को बताया, "ईरान बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा असुरक्षित है, खासकर शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में (जहां केसर की फसल होती है) वहा बारिश कम हो रही है और तापमान बढ़ रहा है.
आसमान छुएंगे दाम
केसर व्यापारियों के मुताबिक पिछले साल केसर की कीमत पहले ही दोगुनी हो गई थी. ईरान के घरेलू बज़ार में केसर 1400 डॉलर प्रति किलोग्राम और विदोशों में 1800 डॉलर प्रति किलोग्राम बिक रहा है. व्यापारियों ने ये भी कहा कि कई चीनी व्यापारी बढ़ी हुई कीमतों के बाद वापस चले गए. इस साल जब वे फिर से वापस आएंगे तो उन्हें दाम सुनके और ज्यादा धक्का लगेगा. क्योंकि देश में इस साल बहुत कम फसल हुई है और गोदाम खाली हैं.