Israel Hamas War: हमास और इसराइल के बीच पिछले 7 अक्टूबर से जंग जारी है. इस हिंसा में अब तक 18 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इस बीच हमास के एक वरिष्ठ नेता इसराइल को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, "वे फिलिस्तीनी एकता वार्ता के हिस्से के रूप में यहूदी राष्ट्र को मान्यता दे सकते हैं."


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हमास के बड़े नेताओं में से एक लीडर मौउसा अबू मरजौक समर्थन जुटाने के लिए सक्रिय रूप से वैश्विक नेताओं से मिल रहे हैं. उन्होंने अरब मीडियाकर्मियों को बताया कि अधिकारिक रुख यह था कि फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन ने इसराइल को मान्यता दी थी और हमास को इसका पालन करना चाहिए. 


ये बयान आने के बाद हमास की तरफ से शांति के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इसराइली सेना हमास के अगुआई और गाजा पट्टी से उसके निष्कासन की उम्मीद पर गंभीर दबाव डाल रही है. हमास ने हमेशा खुले तौर पर इसराइल को खत्म करने की बात करता है और 7 अक्टूबर को किए गए हमले के बाद हमास के नेताओं ने इसराइल को जमीन से मिटा देने की कसम खाई है. 


फिलिस्तीन अथॉरिटी के चीफ PLO ने 13 सितंबर 1993 को तत्कालीन पीएलओ लीडर यासर अराफात और इसराइली राष्ट्रपति यित्जाक राबिन के बीच हस्ताक्षरित ओस्लो समझौते के हिस्से के रूप में इसराइल को मान्यता दी थी. राबिन की 1995 में इजरायल में एक ऐसे शख्स के जरिए हत्या कर दी गई थी, जो एक चरम दक्षिणपंथी समूह से था जो ओस्लो समझौते के खिलाफ था. 


हमास ने इसराइल पर 7 अक्टूबर को हमला कर दिया, जिसमें 1200 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद इसराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर हमला कर दिया. इस हमले में अब तक 18 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. गाजा हिंसा के वजह से वहां मानवीय संकट पैदा हो गई है. लोगों को दो जून की रोटी नसीब नहीं हो रही है. दूनिया भर के नेता गाजा में सीजफायर की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसराइल सीजफायर के लिए राजी नहीं है. 


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