Kuwait Political Crisis: खाड़ी मुल्क कुवैत में नया राजनीति संकट पैदा हो गया है. कुवैत के अमीर मीर शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर ने 10 मई को देश की पार्लियामेंट को भंग कर दिया है. कुवैती मीडिया ने यह जानकारी दी है. कुवैत की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अमीर ने पार्लियामेंट को भंग करने के बाद कुछ सरकारी डिपार्टमेंट को अपने कंट्रोल में ले लिया है. 


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संविधान के लेखों को किया सस्पेंड
कुवैत की न्यूज एजेंसी KUNA के मुताबिक, कुवैत की अमीर ने देश की पार्लियामेंट को भंग करने और संविधान के कुछ लेखों को चार साल के लिए सस्पेंड करने का आदेश दिया है. वहीं, अमीर शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर ने पार्लियामेंट को अपने हाथों में ले लिया हैं. 


पार्लियामेंट को भंग करने के बाद क्या बोले कुवैत के अमीर 
खाड़ी देश के अमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में पार्लियामेंट को भंग करने का ऐलान करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे दौर से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और मुल्क की हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.”



उन्होंने आगे कहा, "पिछले कुछ सालों में मुल्क के कई सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार बढ़ गया है, भ्रष्टाचार की वजह से मुल्क का महौल खराब हो रहा है. अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक इदारों तक फैल गया है." इसके साथ ही कुवैत के आमीर ने न्याय प्रणाली में भी भ्रष्टाचार होने की बात कही है.


राजशाही से ज्यादा पावरफुल है विधायिका
खाड़ी मुल्क कुवैत में भी दूसरे अरब मुल्कों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है, लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी मुल्कों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है.