Mutual stance against Israel: गाजा के मुस्तकबिक और इलाके में शांति लाने के लिए तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) और ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी (Ebrahim Raisi) ने फोन पर बात की है. तुर्किये के राष्ट्रपति ऑफिस के बयान मुताबिक दोनों नेताओं ने फोन पर गाजा पट्टी के खिलाफ इजरायल के हमलों, फिलिस्तीनियों को मानवीय सहायता प्रदान करने की कोशिशों और क्षेत्र में स्थायी सीजफायर करने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर चर्चा की है. 


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"गाजा में अमेरिका ना दे दख़ल"
ईरानी न्यूज एजेंसी मेहर (Mehr) ने ईरानी राष्ट्रपति के हवाले से कहा कि, गाजा के लोग ही गाजा के भविष्य का फैसला करेंगे, गाज़ा में हमास की सरकार को गज़ावासियों ने वोटिंग के जरिए चुना है, गाजा के फैसले वो खुद लेंगे. रायसी ने आगे कहा, "गाजा के अवाम के मामले में दख़ल देना या उनके लिए कोई निर्णय लेने का कोई अधिकार अमेरिका के पास नहीं है. अगर अमेरिका ऐसा करता है तो उसके लिए ये बुरा साबित होगा."


अमेरिका को बताया फिलिस्तीनियों की मौत का जिम्मेदार
ईरानी राष्ट्रपति ने माना कि संयुक्त राज्य अमेरिका गाजा में फिलिस्तीनी लोगों की हत्या कर रहा है, और इस नरसंहार का जिम्मेदार इजराइल की तरह अमेरिका भी है. पिछले हफ्ते तुर्किये में हुए एक विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एर्दोगन ने इज़राइल को 'कब्जाधारी आतंकवाद' (occupier terrorism) बताया था. 


इजराइल ने गाजा जंग में किए वॉर-क्राइम 
एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) अपनी जांच में इजराइल को लगातार वॉर क्राइम का दोषी पाया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दो घटनाएं दर्ज की हैं, जहां इजरायली हवाई हमलों की वजह से 20 बच्चों समेत 46 नागरिकों की मौत हुई थी, जिसमें मरने वालो की उम्र 80 साल की महिला से लेकर तीन महीने के बच्चे तक थी. बता दें दुनिया की कई संस्थाएं और देश हाल ही में हुए सीजफायर को 4 दिन से स्थायी सीजफायर के रूप में बदलने की मांग कर रही हैं.