S Jaishanker in SCO meeting in Pakistan:  ​ भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद पहुंच गए हैं. पिछले एक दशक से भारत- पाक के रिश्तों के बीच जमी बर्फ में यह पहला मौका है जब भारत का कोई उच्च पदस्थ मंत्री पाकिस्तान की यात्रा पर गया है.  पाकिस्तान जाने वाली आखिरी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं. वह 8-9 दिसंबर, 2015 को अफगानिस्तान पर आयोजित 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं. 


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इससे पहले 2023 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गोवा में एससीओ (SCO)देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत दौरे में आये थे. यह लगभग 12 वर्षों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी.  कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. 

कल होगी बैठक 
जयशंकर का विमान दोपहर करीब साढ़े तीन बजे (स्थानीय समयानुसार) पाकिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके में नूर खान एयरबेस पर उतरा था. वरिष्ठ पाकिस्तानी अफसरों ने उनका जोरदार खैरमकदम. विदेश मंत्री बुधवार को एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG)शिखर सम्मेलन में भारतीय वफद की रहनुमाई करेंगे. जयशंकर ने 'एक्स' पर हवाईअड्डे पर फूलों से उनका इस्तकबाल करते बच्चों और अफसरों की तस्वीरों के साथ लिखा, "एससीओ के शासनाध्यक्षों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद पहुंचा."

पाकिस्तान कर रहा है सम्मलेन की मेजबानी 
गौरतलब है कि पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को दो रोजा एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट ( CHG) शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. एससीओ सीएचजी बैठक हर साल आयोजित की जाती है. इसमें सदस्य देश कारोबार और आर्थिक एजेंडे पर चर्चा करते हैं. इस सम्मलेन में चीन, रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान का प्रतिनिधित्व उनके प्रधान मंत्री करेंगे, जबकि ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. 

जयशंकर की पाकिस्तान से नहीं होगी कोई द्विपक्षीय वार्ता 
जयशंकर मंगलवार की रात  को एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के इस्तकबाल के लिए पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ द्वारा आयोजित एक भोज में हिस्सा लेंगे.  हालाँकि, एससीओ शिखर सम्मेलन के अलावा जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच कोई भी द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी.  हालांकि, इसके बावजूद, जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा को ख़ास माना जा रहा है. यात्रा के पहले जयशंकर ने कहा, 'किसी भी पड़ोसी की तरह, भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा, लेकिन सीमा पार आतंकवाद को भारत नजरअंदाज नहीं कर सकता है." 

सुषमा स्वराज और मोदी की पहल हुई थी नाकाम 
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जब 8-9 दिसंबर, 2015 को इस्लामाबाद गई थीं. जयशंकर, उस समय भारत के विदेश सचिव थे और स्वराज के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. इस यात्रा के दौरान, सुषमा स्वराज ने अपने तत्कालीन समकक्ष सरताज अजीज से बातचीत की थी. स्वराज-अज़ीज़ वार्ता के बाद, एक संयुक्त बयान जारी किया गया था, जिसमें दोनों पक्षों ने एक व्यापक द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने के का ऐलान किया था. इसके बाद सुषमा स्वराज की यात्रा के दो सप्ताह बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने काबुल यात्रा से घर लौटते वक़्त लाहौर की 150 मिनट की यात्रा करके पाकिस्तान सहीत पूरी दुनिया को चौंका दिया था.  मोदी ने अपने तत्कालीन पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के पैतृक घर का दौरा कर शांति के रास्ते खोलने की पहल की थी. 

पुलवामा और बालाकोट पर रिश्ते हुए और खराब 
सुषमा स्वराज और मोदी की पहल के बाद भी दोनों देशों के बीच के संबंधों की खटास कम नहीं हो पाई. पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविर पर हमला कर दिया. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और तनावपूर्ण हो गए. 5 अगस्त, 2019 को भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 समाप्त कर दिया. भारत के इस कदम के बाद दोनों देशों के संबंध और भी खराब हो गए. भारत ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को भी कम कर दिया.