Toshakhana Case: इमरान खान को SC से बड़ा झटका, इस मामले में याचिका खारिज
Islamabad News: पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका दिया है. पूर्व प्रधान मंत्री को `झूठे बयान और गलत घोषणा` करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) के तहत तोशाखाना संदर्भ में अयोग्य घोषित कर दिया था.
Islamabad News: पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने बुधवार को तोशाखाना मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की याचिका खारिज कर दी है.
पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने पिछले साल 21 अक्टूबर को पूर्व प्रधान मंत्री को "झूठे बयान और गलत घोषणा" करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) के तहत तोशाखाना संदर्भ में अयोग्य घोषित कर दिया था. खान को इस साल मई में एक ट्रायल कोर्ट ने संदर्भ की स्थिरता को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दी.इतना ही नहीं, अदालत ने पीटीआई प्रमुख को दोषी भी ठहराया.
पूर्व प्रधानमंत्री पर की जाए आगे कार्रवाई- SC
8 जुलाई को ट्रायल कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि ईसीपी की याचिका विचार योग्य है और पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ आगे की कार्यवाही की जाए. जिन्होंने राहत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया. आज की सुनवाई के दौरान SC की दो सदस्यीय पीठ के जस्टिस याह्या अफरीदी ने टिप्पणी की कि शीर्ष अदालत तोशाखाना मामले में ट्रायल कोर्ट के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी.
पीटीआई प्रमुख के वकील ख्वाजा हारिस ने अदालत को बताया कि ट्रायल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र और तोशखाना मामले के स्थानांतरण से संबंधित कई याचिकाएं उच्च न्यायालय में लंबित हैं. इस पर न्यायमूर्ति अफरीदी ने आईएचसी को खान की लंबित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने का निर्देश दिया और उन्होंने कहा कि जब आईएचसी में संबंधित याचिकाएं विचाराधीन हैं तो याचिका पर सुनवाई करना सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
न्यायधीश ने कहा
जज ने टिप्पणी की, "अदालत का अधिकार क्षेत्र एक बड़ा मुद्दा है, इसे पहले तय किया जाना चाहिए".
चार याचिकाएं लंबित
गौरतलब है कि आईएचसी में चार याचिकाएं लंबित हैं. एक नवीनतम ट्रायल कोर्ट के आदेश से संबंधित है, जबकि दो याचिकाओं में पीटीआई प्रमुख ने तोशाखाना मामले की सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी है. एक अन्य याचिका में उन्होंने केस ट्रांसफर करने की मांग की है.