Muslim Country and Same Sex Marriage: दुनिया में कई देशों ने गे और लेस्बियन शादी को मंजूरी दी है, इसके उलट कई देशों ने इसको अपने यहां बैन किया हुआ है. कई मुस्लिम देश मानते हैं कि गे और लेस्बियन शादी नहीं हो सकती क्योंकि इस्लाम में इसको लेकर सख्त बातें कही गई हैं. हालांकि मुस्लिम देशों में रहने वाले कुछ लोग मानते हैं कि गे और लेस्बियन की शादी को मंजूरी दी जानी चाहिए. गे और लेस्बियन की शादी को लेकर साल 2022 से साल 2023 के दरमियान एक सर्वे हुआ. इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.


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मुस्लिम देशों की राय
प्यू रिसर्च ने इस सर्वे को पब्लिश कराया है. भारत के आस-पास बसे दो मुस्लिम देश इंडोनेशिया और मलेशिया ने प्यू रिसर्च के सर्वे में हिस्सा लिया है. यहां के बहुत ही कम लोग गे और मुस्लिम शादी के पक्ष में हैं. इंडोनेशिया में 5 फीसद लोग गे और लेस्बियन की शादी को मान्यता देने के पक्ष में हैं. इसके साथ ही मलेशिया में महज 17 फीसद लोग ही गे-लेस्बियन को शादी की मान्यता देना चाहते हैं. 


भारत की राय
रिसर्च में भारत के लोगों ने भी हिस्सा लिया है. भारत में ज्यादातर लोग समलैंगिक शादी को मान्यता देने के पक्ष में हैं. भारत के 53 फीसद लोग समलैंगिक शादी को मान्यता देने के पक्ष में हैं. वहीं 43 फीसद लोग ऐसे हैं जो गे और लेस्बियन की शादी को मान्यता नहीं देना चाहते हैं. इस सर्वे में जापान ने हिस्सा लिया. जापान के तकरीबन 68 फीसद लोग ऐसे हैं जो इस बात पर राजी हैं कि गे और लेस्बियन की शादी को मंजूरी दी जानी चाहिए.


क्या कहता है इस्लाम?
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक पैगंबर हरजत लूत अलैहिस्लाम की कौम में ये बुराई फैल गई थी कि एक मर्द दूसरे मर्द के साथ शादी करना चाहता था. हजरत लूत अलैहिस्सालाम ने अपनी कौम को इस बुराई से रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने. इसके बाद इस कौम को अल्लाह ताला ने मिटा दिया.