Gaza Israel Conflict: मिस्र ने इसराइल-हमास जंग को सीजफायर के साथ खत्म कराने, चरणबद्ध तरीके से बंधकों की रिहाई और गाज़ा पट्टी तथा कब्जाए गए वेस्ट बैंक का शासन चलाने के लिए विशेषज्ञों के अगुआई में फलस्तीनी सरकार गठित करने का महत्वाकांक्षी प्रस्ताव रखा है जो शुरुआती स्तर पर है. मिस्र के एक वरिष्ठ अधिकारी और यूरोप के एक राजनयिक ने आज यानी 25 दिसंबर को यह जानकारी दी. 


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यह प्रस्ताव खाड़ी के मुल्क कतर के साथ मिलकर तैयार किया गया है और इसे इसराइल, हमास, अमेरिका तथा यूरोपीय सरकारों के सामने रखा गया है. हालांकि यह हमास को पूरी तरह से कुचलने के इसराइल के लक्ष्य की पूर्ति नहीं करता है और लगता है कि जंग के बाद गाज़ा पर लंबे वक्त तक सैन्य नियंत्रण बनाए रखने के इसराइल के आग्रह को भी पूरा नहीं करेगा.


मिस्र के अधिकारी ने कहा, "मिस्र और कतर विशेषज्ञों के अगुआई में सरकार गठन के लिए हमास समेत फिलिस्तीन के सभी गुटों के साथ काम करेंगे. यह सरकार संक्रमण काल के लिए गाज़ा और वेस्ट बैंक पर हुकूमत करेगी और इस दौरान फिलिस्तीनी गुट अपने मतभेद दूर करने और राष्ट्रपति तथा संसदीय इलेक्शन कराने की रूपरेखा पर सहमत होने के लिए काम करेंगे." अधिकारी ने बताया कि इसराइल और हमास व्यापक समझौते को लेकर बातचीत जारी रखेंगे.


एक पश्चिमी राजनयिक ने कहा कि उन्हें मिस्र के प्रस्ताव की जानकारी है और इस बात पर संदेह व्यक्त किया कि इसराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू समूचे प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे. इसराइल के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू समेत इसराइल की युद्ध कैबिनेट सोमवार यानी 25 दिसंबर को बैठक कर बंधकों की हालात समेत दूसरों मुद्दों पर चर्चा करेगी.


उन्होंने यह नहीं बताया कि कैबिनेट मिस्र के प्रस्ताव पर चर्चा करेगी या नहीं. यह प्रस्ताव ऐसे वक्त आया है जब इसराइल खचाखचा भरे मध्य और दक्षिणी गाज़ा में हवाई हमले कर रहा है तथा उन इमारतों को ज़मींदोज़ कर रहा है जिनमें लोगों ने पनाह ली हुई है. मगाज़ी शरणार्थी शिविर में तीन मंजिला इमारत और आसपास की इमारतों पर हमले के बाद बचाव कर्मियों ने मलबे से से दर्जनों शव निकाले. अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, कम से कम 106 लोगों की मौत हो चुकी है.