BJP targets 18 Muslim majority Lok Sabha Seats in West Bengal:पश्चिम बंगाल विधानसभा के दौरान जबर्दस्त हिंदू कार्ड खेलने के बाद राज्य में बुरी तरह पराजित होने वाली भाजपा अब राज्य के मुस्लिम मतदाताओं के भरोसे आने वाले लोकसभा चुनाव में और अधिक सीटें जीतने के लिए रणनीति बना रही है. पार्टी ने अब मुस्लिम बहुलता वाले राज्य की 13 लोकसभा सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है. इसके लिए पार्टी इन इलाकों में एक विशेष मुहिम चलाने की योजना पर काम कर रही है. इस दौरान पार्टी के स्वयंसेवक अल्पसंख्यक मतदाताओं के घर-घर जाकर उनकी समस्याएं और शिकायतें सुनने का काम करेंगे और उसे पार्टी स्तर पर हल करेंगे. इस कवायद में उन लोगों पर खास जोर दिया जाएगा, जो पिछड़े आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं. यानी भाजपा अब बंगाल में भी पसमांदा मुस्लिम कार्ड खेलने के लिए कमर कस चुकी है. 

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लोकसभा के इन 13 मुस्लिम बहुल सीटों पर भाजपा की नजर 
पार्टी जिन 13 लोकसभा सीटों पर मुस्लिम वोट बैंकों में सेंध लगाने की कोशिश करेगी, उसे बहरामपुर, जंगीपुर, मुर्शिदाबाद, रायगंज, मालदा (दक्षिण), मालदा (उत्तर), बशीरहाट, जादवपुर, बीरभूम, कृष्णनगर, डायमंड हार्बर, जयनगर और मथुरापुर वगैरह शामिल है. इन निर्वाचन क्षेत्रों में मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में सबसे ज्यादा 64 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि मथुरापुर में सबसे कम 32 फीसदी के आसपास मुस्ल्मि मतदाताओं की आबादी रहती है. 

पिछले चुनाव में भाजपा ने बंगाल में जीती थी 18 सीटें
इन सीटों के पुराने इतिहास को खंगालने से पता चलता है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में बहरामपुर के मतदाताओं ने पांच बार कांग्रेस पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी को चुनाव मेंं जीत दिलाया है. दूसरी तरफ माकपा के पुराने गढ़ मथुरापुर में 2019 में तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य चौधरी मोहन जटुआ को फिर से चुना गया था. हालांकि, अगर हम भाजपा के 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन की बात करें तो, पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में भाजपा ने 18 पर जीत हासिल की थी.

पसमांदा मुस्लिम वर्ग पर भाजपा डाल रही है डोरे 
गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेतृत्व को देश में अल्पसंख्यक मतदाताओं तक पहुंचने के लिए निर्देश दिया था. पिछले साल हैदाराबाद में आयोजित भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की बैठक में फैसला किया गया था कि पार्टी अब पसमांदा मुस्लिमवर्ग में अपनी पैठ बनाएगी. इसके बाद अलग-अलग राज्यों के नेतृत्व को भी अल्पसंख्यक बहुल इलाकों की पहचान करने और वहां के मतदाताओं तक पहुंचने के लिए कहा गया था. इस विशेष संपर्क मुहिम के लिए पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक मतदाताओं के बड़े अनुपात वाले इन 13 निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की गई है, जहां पार्टी अल्पसंख्यक मतदाताओं को लुभाने का काम करेगी. 


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