Delhi Lok Sabha Election: अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में सिख समुदाय के लगभग 1,500 सदस्य भाजपा में शामिल हुए. इसमें दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) के विभिन्न सदस्य भी शामिल हैं. भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रोग्राम में पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा, दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ की उपस्थिति में सिख सदस्य भगवा पार्टी में शामिल हुए.


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सिख नेता का बयान
भाजपा में शामिल होने वाले डीएसजीएमसी के कुछ प्रमुख सदस्य जैस्मीन सिंह नोनी, हरजीत सिंह पप्पा, रमनदीप सिंह थापर, भूपिंदर सिंह गिन्नी, रमनजोत सिंह मीता, परविंदर सिंह लकी और मंजीत सिंह औलख हैं. ये सभी अपने समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल हुए.


शिरोमणि अकाली दल को झटका
यह कदम शिरोमणि अकाली दल (SAD) के लिए एक झटका है, जो दिल्ली में अपना कैडर बनाने की कोशिश कर रहा है. लगभग 1,500 सिखों के शामिल होने से पश्चिमी दिल्ली में भाजपा की संभावनाएं बढ़ने की उम्मीद है, जहां बड़ी संख्या में समुदाय के लोग रहते हैं और चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. भाजपा नेताओं ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और सिखों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तरफ से किए गए कामों पर प्रकाश डाला.


1947 के बाद से जुल्म
सिरसा ने कहा. "1947 के बाद से लगातार जुल्म हो रहे थे, निर्दोष सिखों को मारा जा रहा था. कांग्रेस ने अत्याचार किए और 1984 में सिखों को जिंदा जला दिया गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दंगों की जिम्मेदारी ली और कहा कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है." 


नड्डा ने दिया बयान
अपनी ओर से, नड्डा ने विपक्षी दलों पर सिखों के साथ राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "लोगों ने सिखों के साथ राजनीति की है. लेकिन अगर किसी ने वास्तव में आपके लिए काम किया है, तो वह पीएम नरेंद्र मोदी हैं. उन्होंने पहले पंजाब के भाजपा प्रभारी के रूप में कार्य किया था. यही कारण है कि उन्हें सिखों से स्नेह है." दिल्ली, जिसमें सात लोकसभा सीटें हैं, 7 मई को एक ही चरण में मतदान होगा. नतीजे 4 जून को घोषित होने की उम्मीद है.