India on Russia: भारत ने मंगलवार को कहा कि रूसी सेना में कार्यरत उसके दो और नागरिक रूस-यूक्रेन संघर्ष में मारे गए हैं, जिससे इस तरह मरने वालों की संख्या चार हो गई है. भारतीय पक्ष ने रूसी सेना के जरिए भारतीय नागरिकों की और अधिक भर्ती पर “सत्यापित रोक” लगाने की भी मांग की है. आरोप है कि भारतीयों को रसोईये के तौर या फिर दूसरे कामों के लिए भर्ती किया गया था, जिसके बाद उन्हें सेना में लड़ने के लिए ले जाया गया.


विदेश मंत्रालय ने जारी किया है बयान


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विदेश मंत्रालय ने मंगलवार देर रात जारी एक बयान में कहा, ''हमें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि रूसी सेना में भर्ती हुए दो भारतीय नागरिक हाल ही में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में मारे गए हैं.'' हालांकि विदेश मंत्रालय ने संघर्ष में मारे गए भारतीय नागरिकों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है.


बयान में कहा गया है,"भारत ने यह भी मांग की है कि रूसी सेना के जरिए हमारे नागरिकों की किसी भी तरह की भर्ती पर पूरी तरह रोक लगाई जाए. ऐसी गतिविधियां हमारी साझेदारी के अनुरूप नहीं होंगी."


भारत ने कहा रिश्तों पर पड़ सकता है असर


यह पहली बार है जब भारतीय पक्ष ने कहा है कि इस मामले का द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ सकता है. भारत ने अब तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा करने से परहेज किया है और केवल दोनों देशों से शत्रुता समाप्त करने और अपने मतभेदों का समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है.


विदेश मंत्रालय ने मरने वाले लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है. बयान में कहा गया है, "मॉस्को स्थित हमारे दूतावास ने रक्षा मंत्रालय सहित रूसी अधिकारियों पर पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द वापस भेजने का दबाव बनाया है."


मार्च में हुई थी मोहम्मद असफान की मौत


इस साल मार्च में हैदराबाद निवासी 30 साल के मोहम्मद असफान की यूक्रेन के खिलाफ जंग में मौत हो गई थी. गुजरात के सूरत निवासी 23 साल के हेमल अश्विनभाई मंगुआ फरवरी में डोनेट्स्क में “सुरक्षा सहायक” के रूप में काम करते हुए यूक्रेनी हवाई हमले में मारे गए थे.