Andhra Pardesh News: आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सोमवार को एक घाट पर आग लगने से मछली पकड़ने वाली तकरीबन 35 नौकाएं जलकर खाक हो गई हैं. विशाखापत्तनम के घाट पर आग लगने की शुरुआत रविवार की देर रात को हुई, जो सोमवार तड़के तक जारी रही. आधिकारियों ने यह भी बताया है कि घाट पर आग लगने की वजह अभी तक नहीं पता चल पाई है.  दरअसल, आग घाट इलाके में एक नौका में लगी और बाद में तेजी से बाकी दूसरे नौकाओं तक फैल गई. अधिकारियों ने बताया कि आग विशाखापत्तनम के "विशाखापत्तनम कंटेनर टर्मिनल' और 'इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन' सुविधा के पास के इलाके में लगी, जहां पर मछली पकड़ने वाली सभी नौकाएं खड़ी थीं.


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दो घंटे में आग पर काबू पा लिया गया: एस. रेनुकय्या 
विशाखापत्तनम जिला के अग्निशमन अधिकारी एस.रेनुकय्या ने को बताया है कि हादसे की खबर मिलने के बाद फायर वर्क्रस मौके पर पहुंच गई. उन्होंने कहा- "हमने 12 अग्निशमन वाहनों को मौके पर भेजा और एनडीआरएफ और विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट से भी मदद ली." अधिकारी ने बताया कि घटना में किसी के जख्मी होने की कोई खबर नहीं है. रेनुकय्या ने बताया कि फायर वर्क्रस ने आधे घंटे में आग को आसपास की नौकाओं तक फैलने से रोका और लगभग दो घंटे में आग पर काबू पा लिया.  


एक नौका की कीमत 35 से 50 लाख रुपये
विशाखापत्तनम के पुलिस आनंद रेड्डी ने कहा कि रविवार और सोमवार की रात तेज हवा चल रही थी, जिससे फाइबर से बनी आसपास खड़ी नावों में आग तेजी से फैल गई.  रेड्डी ने कहा,  "इनमें से कई नौकाएं 5,000 लीटर तक डीजल वाली भी हैं, क्योंकि मछुआरे हफ्तों तक समुद्र में रहते हैं." कई नौकाएं एलपीजी सिलेंडरों से भी लदी होती है, जिनका उपयोग मछुआरे खाना पकाने के लिए करते हैं. उन्होंने कहा कि तकरीबन आठ विस्फोट हुए हैं. अधिकारियों को शक है कि ये विस्फोट एलपीजी सिलेंडरों से हुए होंगे. आग की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए रेड्डी ने कहा कि विजाग स्टील प्लांट फायर विभाग और नौसेना को भी सतर्क कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि प्रत्येक नौका की तकरीबन कीमत 35 से 50 लाख रुपये है. 


अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने हादसे के वजह आग लगने का मामला दर्ज किया है.