नई दिल्ली: मरकज़ी हुकूमत के तीन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ कौमी दारुल हुकूमत दिल्ली की कई सरहदों पर किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों के प्रदर्शन शुरू किए सात महीने गुज़र चुके हैं और ये आंदोलन आठवें महीने में दाखिल हो गया है. किसान अभी भी कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करने और एमएसपी पर कानून बनाने पर अड़े हैं, जबकि हुकूमत ने किसानों को इन कानूनों में ज़रूरी बदलाव करने की बात कही है और करीब डेढ़ साल तक इन्हें नहीं लागू करने का ऑफर भी दिया है. इसी दर्मियान, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज शनिवार को किसानों से आंदोलन को खत्म करने की अपील की है और कहा है कि हुकूमत किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है. 


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कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने ट्वीट कर कहा, 'केंद्र सरकार कृषि कानूनों के प्रावधानों पर बातचीत फिर से शुरू करने के लिए तैयार है. अब किसानों को अपना आंदोलन खत्म करना चाहिए. मुल्क भर में कई लोग इन नए कानूनों के हक में हैं. फिर भी, कुछ किसानों को कानूनों के प्रावधानों के साथ कुछ समस्या है, भारत सरकार उसे सुनने और उनके साथ चर्चा करने के लिए तैयार है.



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गौरतलब है कि हुकूमत और किसान तंज़ीमों के बीच इससे पहले 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका. इससे पहले आखिरी बैठक 22 जनवरी को हुई थी. किसानों की 26 जनवरी को हिंसक ट्रैक्टर रैली के बाद बातचीत का सिलसिला बंद है.


वहीं, कृषि कानूनों का यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है और कोर्ट ने तीनों कानूनों के अमल दरआमद पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है और समाधान खोजने के लिए एक समिति का गठन किया है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी अदालत सौंप दी है.


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