AIMIM नेता ने पहले किया हिमाचली सेब का बहिष्कार, फिर मांगी माफी, जानें पूरा मामला
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में संजौली मस्जिद पर विवाद जारी है. ऐसे में AIMIM के नेता ने लोगों से हिमाचल के सेब का बॉयकॉट करने की अपील की. इस पर भाजपा ने प्रतिक्रिया दी है. इसके बाद जमई ने माफी मांगी है.
Himachal Pradesh News: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता शोएब जमई ने मुस्लिम व्यापारियों से हिमाचल प्रदेश के सेबों का बहिष्कार करने की अपील की. इस पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि सेब उत्पादक उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं. पिछले महीने भी जमई ने विवादित संजौली मस्जिद से एक वीडियो बनाकर विवाद खड़ा कर दिया था. उन्होंने कहा था कि वह एक जनहित याचिका दायर कर पूछेंगे कि आसपास की चार से ज्यादा मंजिलों वाली दूसरी इमारतों को गैरकानूनी क्यों नहीं माना गया.
क्या बोले AIMIM के नेता?
जमई ने खुद को AIMIM का दिल्ली प्रमुख बताते हुए सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, "बहुत हो गया, अब हमें आर्थिक बहिष्कार शुरू करना चाहिए. मैं मुस्लिम व्यापारियों से, जो लगभग 80 प्रतिशत हैं, हिमाचल के सेबों का बहिष्कार करने की अपील करता हूं. खुदा के वास्ते इस नफरत के बाजार से कुछ भी न खरीदें." जमई ने कहा, "सर्दी के दौरान हम उनसे कुछ भी नहीं खरीदेंगे. पूरे देश के धर्मनिरपेक्ष समाज को इस नफरत को हराने के लिए एक साथ आना होगा." जमई ने सरकार से हिमाचल प्रदेश से दिल्ली आने वाले सभी हिमाचलियों के आधार कार्ड देखने की अपील की. हालांकि बाद में जमई ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी.
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भाजपा की प्रतिक्रिया
जमई की अपील पर रिएक्शन देते हुए भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता चेतन बरागटा ने एक बयान में कहा कि सेब उत्पादक उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और एक खास समुदाय से हिमाचल के सेब न खरीदने की उनकी अपील हैरान करने वाली है. बरागटा ने कहा कि सेब की खेती हिमाचलियों का पुश्तैनी पेशा है और वे इसे चलाने, संभालने और अपना खुद का बाजार बनाने में सक्षम हैं. बरागटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सु्क्खू से जमई के बयानों का संज्ञान लेने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया.
जमई ने मांगी माफी
आलोचनाओं का सामना कर रहे जमई ने बाद में एक दूसरी पोस्ट में अपनी अपील पर खेद जाहिर करते हुए कहा कि वह "भावनाओं में बह गए थे." उन्होंने लिखा, "किसी भी समुदाय के लिए कोई नफरत नहीं. बिल्कुल नहीं. मैं हमेशा समाज के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने में विश्वास करता हूं. पूरा भारत एक है. सभी से प्यार करो. पिछले ट्वीट का गलत मतलब निकाला गया." जमई ने कहा कि संजौली मस्जिद को टूटने से बचाने की कानूनी प्रक्रिया के सिलसिले में उन्होंने वहां कुछ मुस्लिम व्यापारियों से मुलाकात की थी और "जब वे अकेले महसूस कर रहे थे, तो मैं उनकी आवाज को बुलंद करना चाहता था." जमई ने यह भी कहा कि वह शिमला में "धर्मनिरपेक्ष हिंदू समुदाय के आभारी हैं कि उन्होंने हमारा सपोर्ट किया. कुछ उम्मीद जगी है."