नई दिल्ली: देशभर में आपको मजहब को लेकर कई ऐसी वारदातें मिल ही जाएंगी जो इंसानियत को झकझोर देती हैं लेकिन आज के समय में भी कुछ ऐसे लोग हैं जो दूसरों के लिए मिसाल बन जाती हैं. एक ऐसी ही मिसाल राजस्थान के उदयपुर में देखने को मिली है. यहां एक मुस्लिम शख्स ने अपने रमजान के रोजे की परवाह किए बगैर एक कोरोना संक्रमितों के लिए मसीहा बना. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल उदयपुर के अकील मंसरी दो कोरोना संक्रमित महिलाओं को प्लाज्मा डोनेट किया है. अकील मंसूरी सिविल कॉट्रेक्टर के तौर पर काम करते हैं. एक खबर के मुताबिक अकील को सोशल मीडिया के ज़रिए जानकारी मिली कि कोरोना पॉज़िटिव महिलाओं को प्लाज्मा की जरूरत है. इन दोनों ही महिलाओं के A+ ब्लड ग्रुप के प्लाज्मा की जरूरत थी. 


यह भी पढ़ें: कंगना ने रमज़ान को लेकर PM मोदी से की बड़ी अपील, लोगों ने किया ट्रोल, डिलीट करना पड़ा ट्वीट


अकील मंसूरी ने कहा कि वो सोशल मीडिया पर पोस्ट देखने के फौरन बाद वो अस्पताल के लिए रवाना हो गए और डॉक्टरों को बताया कि वो प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं. जिसके बाद डॉक्टरों ने अकील की जांच की जिसमें वो बिल्कुल फिट पाए गए. बकौल मंसूरी डॉक्टर ने उनसे कहा कि क्योंकि वो सुबह से रोजा रखे हुए हैं. इसलिए प्लाज्मा डोनेट करने से पहले वो कुछ खा लें. इसलिए मैंने अपना रोजा तोड़ा और खून डोनेट किया.


यह भी पढ़ें: बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद भी हुए कोरोना के शिकार, लोगों की मदद को लेकर कही ये बड़ी बात


मंसूरी ने कहा कि प्लाज्मा डोनेट करने के बाद उन्होंने दोनों महिलाओं के जल्द ठीक होने की भी प्रार्थना की. सितंबर 2020 में कोरोना से ठीक होने के बाद मंसूरी ने कम से कम 17 बार अपना खून डोनेट किया है. मंसूरी ने बताया कि उन्होंने तीन बार प्लाज्मा डोनेट किया है और ठीक हुए सभी लोगों से अपील की है कि वो जरूरतमंद लोगों को प्लाज्मा जरूर डोनेट करें.


ZEE SALAAM LIVE TV