Amit Shah on CAA: अमित शाह ने सीएए को लेकर एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में कई बातें रखी हैं. उन्होंने साफ किया कि इस कानून के जरिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले गैर मुस्लिमों को नागरिकता दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह कानून भारत में किसी भी मुसलमान की नागरिकता नहीं लेता है. 


असदुद्दीन ओवैसी पर क्या बोले अमित शाह


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असुद्दीन ओवैसी के सीएए को एंटी इस्लामिक कहे जाने पर अमित शाह ने जवाब दिया है. "उनका तर्क क्या है? मुसलमानों का धार्मिक उत्पीड़न नहीं हो सकता क्योंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इस्लामिक राज्य घोषित हैं. इनके नाम में यह घोषित इस्लामिक स्टेट है वहां के मुसलमानों की प्रताड़ना कौन करेगा. हम भी मुसलमानों को नागरिकता दे सकते हैं, लेकिन वह इसके लिए अप्लाई करें.


Chronology समझिए वाले सवाल पर क्या कहा?


सीएए के बाद एनआरसी आएगा वाले सवाल पर अमित शाह ने कहा कि सीएए का कानून अभी चर्चा पर है. इसमें एनआरसी का कोई प्रोवीजन नहीं है. इसमें किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रोविजन नहीं है. बता दें, 2019 में अमित शाह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह कहते दिख रहे थे कि आप क्रोनोलोजी समझिए, पहले सीएए आएगा और फिर एनआरसी लागू किया जाएगा.


क्या राज्य इस कानून को लागू होने से रोक सकता है?


कई राज्यों ने कहा है कि वह इस कानून को अपने राज्यों में नहीं लागू होने देंगे. जिसपर अमित शाह ने कहा, "हमारे संविधान का अनुच्छेद 11 नागरिकता के संबंध में नियम बनाने की सभी शक्तियां संसद को देता है. यह केंद्र का विषय है, राज्य का नहीं... मुझे लगता है कि चुनाव के बाद हर कोई सहयोग करेगा. वे तुष्टीकरण की राजनीति के लिए गलत सूचना फैला रहे हैं."


किन जगहों पर नहीं लागू होगा सीएए?


अमित शाह ने कहा, "एनआरसी का सीएए से कोई लेना-देना नहीं है. सीएए असम और देश के अन्य हिस्सों में लागू किया जाएगा केवल उत्तर पूर्व के राज्य जहां लोगों को दो प्रकार के विशेष अधिकार दिए गए हैं, केवल उन क्षेत्रों में इसे लागू नहीं किया जाएगा." शाह ने कहा,"इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जहां इनर लाइन परमिट (आईएलपी) का प्रावधान है और वे क्षेत्र जिन्हें संविधान की 6वीं अनुसूची के तहत विशेष दर्जा दिया गया है."