नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने पोर्ट ब्लेयर में एक महिला से दुष्कर्म के आरोपी और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जितेंद्र नारायण ( Senior IAS Jitendra Narain) को सोमवार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, नारायण वर्तमान में दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात थे. मंत्रालय ने कहा है कि सरकार अपने अधिकारियों द्वारा अनुशासनहीनता के कृत्यों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी, खासकर महिलाओं की गरिमा से जुड़ी घटनाओं के संबंध में, चाहे उसका ओहदा कोई भी हो. नारायण मार्च 2021 में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त हुए थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1990 बैच के अधिकारी हैं आरोपी 
मंत्रालय को इतवार को अंडमान एवं निकोबार पुलिस से नारायण द्वारा 21 वर्षीय एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न के संबंध में एक रिपोर्ट मिली थी. यह घटना उस वक्त की है जब वह द्वीपसमूह के मुख्य सचिव के रूप में तैनात थे. रिपोर्ट में 1990 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी नारायण द्वारा गंभीर कदाचार और सरकारी ओहदे के दुरुपयोग का ममाला बनता था. गृह मंत्री अमित शाह ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानून के अनुसार फौरन सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.

महिला ने आरोपों में क्या कहा है ? 
महिला के इल्जाम के मुताबिक, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में पूर्व मुख्य सचिव सहित दो अफसरों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था. बलात्कार पूर्व मुख्य सचिव के सरकारी आवास पर किया गया था. महिला ने इल्जाम लगाया था कि बलात्कार में शामिल अन्य अधिकारी श्रम आयुक्त आर. एल. ऋषि थे और वे दो मौकों पर कथित अपराध में शामिल थे. 
महिला ने दावा किया है कि वह नौकरी की तलाश में थी और एक होटल मालिक के माध्यम से उसे ऋषि से मिलवाया गया था जो कथित तौर पर उसे नारायण के घर ले गया था. नारायण के आवास पर उसे शराब दी गई, लेकिन उसने पीने से मना कर दिया. उसे सरकारी नौकरी का आश्वासन देकर दो पुरुषों द्वारा उसका कथित तौर पर यौन शोषण किया गया. इस मामले में नारायण ने यह कहते हुए टिप्पणी से इंकार कर दिया है कि यह मामला विचाराधीन है. 


ऐसी खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in