Andy Murray Retirmenet: मशहूर टेनिस स्टार एंडी मरे ने पेशेवर खेल से संन्यास ले लिया है.  पूर्व विश्व नंबर वन खिलाड़ी ने पेरिस में हो रहे ओलंपिक खेलों ( Paris Olympic 2024 ) में अपनी उपस्थिति के बाद यह घोषणा की है.  एंडी ने मेंस डबल कॉम्पिटिशन में डेनियल इवांस  ( Daniel Evans ) के साथ जोड़ी बनाई थी और सेमीफाइनल से पहले ही बाहर हो गए.  इन दोनों के जोड़ी को क्वार्टरफाइनल में अमेरिकी जोड़ी टेलर फ्रिट्ज और टॉमी पॉल ने 6-2, 6-4 से हराया.
 
मरे के आखिरी  मैच के बाद लॉन टेनिस एसोसिएशन (LTA) ने ऐलान किया है कि "द क्वीन्स क्लब" में सिंच चैंपियनशिप ( Cinch Championship ) के मैदान का नाम उनके रिकॉर्ड पांच खिताबों के सम्मान में 'द एंडी मरे एरिना' रखा जाएगा. बता दें, दो बार के ओलंपिक मेंस सिंगल स्वर्ण पदक विजेता ने पहले घोषणा की थी कि वह पेरिस ओलंपिक के बाद अपने शानदार खेल करियर को समाप्त कर देंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एंडी मरे का ऐसा रहा इंटरनेशनल करियर
46 बार के टूर-लेवल टाइटलिस्ट एंडी मरे ने लंदन 2012 के फाइनल में रोजर फेडरर को हराकर अपना पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल जीता था, इससे पहले रियो डी जेनेरो 2016 ( Rio de Janeiro ) के एक ऐतिहासिक फाइनल में जुआन मार्टिन डेल पोत्रो ( Juan Martin Del Potro ) को हराकर अपने खिताब का बचाव किया और दो ओलंपिक सिंगल स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने. उन्होंने 2012 में मिक्स्ड डबल में सिल्वर मेडल जीतने के लिए लॉरा रॉबसन ( Laura Robson ) के साथ भी साझेदारी की.


मरे ने 77 साल के इंतजार को किया खत्म 
उन्होंने अपना आखिरी सिंगल मैच जून में 'द क्वीन्स क्लब', लंदन में आयोजित सिंच चैंपियनशिप में खेला. वहां, स्कॉट ने अपना 1,000वां टूर-लेवल सिंगल मैच भी खेला. मरे ने साल 1977 में वर्जीनिया वेड के बाद 2012 यूएस ओपन ( US open ) में पहले ब्रिटिश ग्रैंड स्लैम सिंगल चैंपियन बने, जहां उन्होंने पांच सेटों के रोमांचक फाइनल में नोवाक जोकोविच ( Novak Djokovik ) को हराया था. अगले साल मरे 1936 में फ्रेड पेरी (  Fred Perry )  के बाद पहले ब्रिटिश मेंस विंबलडन ( Men's Wimbledon ) चैंपियन बन गए, जिससे ग्रास-कोर्ट मेजर ( Grass Court Major ) में घरेलू विजेता के लिए देश का 77 साल का इंतजार भी खत्म हो गया.
 
मरे यह उपलब्धि हासिल करने वाले बने दूसरे से उम्रदराज खिलाड़ी 
मरे ने साल 2016 में अपना दूसरा विंबलडन खिताब जीता और उसी साल नवंबर में 29 साल की उम्र में एटीपी रैंकिंग में वर्ल्ड  नंबर 1 पर पहुंचने वाले पहले ब्रिटिश खिलाड़ी बन गए. साथ ही वह नंबर 1 पर डेब्यू करने वाले दूसरे सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बने. मरे से से पहले जॉन न्यूकॉम्ब ने साल 1974 में यह उपलब्धि 30 साल की उम्र में हासिल की थी.