How to give CPR: सीपीआर में छाती को दबाते है, जो रक्त प्रवाह को दोबारा दिल तक पहुंचाता है और दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है. इसमें रोगी को मुंह से ऑक्सीजन की सांस दी जाती है, ताकि कार्डियक अरेस्ट वाले व्यक्ति में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचे.
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How To Cure Cardiac Arrest In Hindi: हो सकता है आप कार्डियक अरेस्ट को हार्ट अटैक समझ रहे हों. लेकिन दोनों में अंतर है. कार्डियक अरेस्ट में इंसान के दिल की धड़कन रुक जाती है या इतनी तेज धड़कने लगता है कि ब्लड पंप होना बंद हो जाता है. ये एक तरह से मेडिकल इमर्जेंसीस होती है. तुरंत इसमें कदम नहीं उठाए गए तो इंसान की जान भी जा सकती है. इसलिए हर एक व्यक्ति को इससे निपटने के कुछ आसान तरीकों के बारे में पता होना चाहिए. कार्डिएक अरेस्ट से अब सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. कार्डिएक अरेस्ट होने पर क्या करना चाहिए जिससे जान बच जाए, यहां जानिये
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क्या कहते हैं आंकड़े :
मेडिकल जर्नल ‘दे लैसेंट’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल करीब 5-6 लाख लोग अचानक हुए कार्डियक अरेस्ट (SCD) के कारण मौत के मुंह में समा जाते हैं. इनमें ऐसे लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है, जिनकी उम्र 50 वर्ष या उससे कम है.
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कार्डियक अरेस्ट होने पर क्या करें
अगर किसी को अचानक कार्डियक अरेस्ट हो जाए तो उसे तुरंत सीपीआर दें. इसके साथ ही एमर्जेंसी नंबर पर कॉल भी कराएं. कार्डियक अरेस्ट में सीपीआर बहुत ही कारगर है. अगर आपको ये पता नहीं है कि सीपीआर कैसे देते हैं तो यहां जानें-
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कैसे पहचाने कि कार्डियक अरेस्ट है
अगर कोई इंसान सांस नहीं ले पा रहा है और कभी-कभी हांफ रहा है. वो बोलने में सक्षम न हो. ऐसा बच्चों के साथ भी हो सकता है.
सीपीआर (CPR) कैसे देते हैं:
कार्डियक अरेस्ट के कारण अगर हार्ट अगर पंप नहीं कर रहा है तो एमर्जेंसी सर्विस के आने तक सीपीआर से किसी व्यक्ति को जीवित रखा जा सकता है. इसलिए यह जानना जरूरी है कि सीपीआर कैसे करना है.
व्यक्ति को पीठ के बल लिटाएं और उसका एयरवेज खोलें.
चेक करें कि उसकी सांस चल रही है या नहीं. अगर वे सांस नहीं ले रहे हैं, तो सीपीआर शुरू करें.
30 बार छाती को दबाएं.
दो बार मुंह से सांस दें.
एम्बुलेंस या स्वचालित बाहरी डिफिब्रिलेटर (एईडी) आने तक दोहराएं.
वयस्कों, बच्चों और शिशुओं में सीपीआर करने के तरीके के बारे में अधिक विस्तृत विवरण के लिए आगे पढ़ें.