नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी वसीम जाफर (Wasim Jaffer) पर खिलाड़ियों का सलेक्शन मज़हब की बुनियाद करने का आरोप लगा है. हालांकि आरोप के बाद जाफर ने उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कोच के पद से इस्तीफा दे दिया है. अब बड़ी खबर यह आ रही है कि हिंदुस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और दिग्गज स्पिनर अनिल (Anil Kumble) ने उनकी हिमायत बयान दिया है. 


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हिंदुस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व गेंदबाज़ अनिक कुंबले ने कहा,'मैं आपके साथ हूं वसीम. आपने सही काम किया है. बदकिस्मती से वह खिलाड़ी अब तुम्हारी मेंटरशिप को मिस करेंगे.' 


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इससे पहले जाफर के बचाव में विदर्भ के पूर्व क्रिकेटर भी आए हैं. उन्होंने एक अखबार से बात चीत में कहा कि वसीम जाफर ने हमारे साथ चार सीजन खेले हैं. वह विदर्भ के लिए एक बड़े भाई जैसे थे. वह बेहतरीन शख्स हैं. मैंने कभी भी बुरा बर्ताव करते हुए नहीं देखा.' इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा,'जाफर खिलाड़ियों का सलेक्शन प्रदर्शन की बुनियाद पर करते हैं. मुझे नहीं लगता कि वह किसी खिलाड़ी का सलेक्शन धर्म के आधार पर करेंगे.'



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बता दें कि वसीम जाफर पर धर्म की बुनियाद पर खिलाड़ियों का सलेक्शन करने का आरोप है. साथ ही यह भी आरोप है कि जाफर ने टीम के खिलाड़ियों को टीम हडल में जय श्रीराम और जय हनुमान का नारा लगाने से भी रोका था. हालांकि वसीम जाफर ने खुद पर लगे इन आरोपों को झूठा करार दिया है.


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जाफर ने अपनी सफाई में कहा,'मैं बता दूं कि रामभक्‍त हनुमान की जय के नारे का कभी इस्‍तेमाल ही नहीं किया गया. जब हम प्रैक्टिस मैच खेल रहे थे तब ये खिलाड़ी रानी-माता सच्‍चे दरबार की जय का नारा लगाते थे. मैंने कभी उन्‍हें जय हनुमान और जय श्रीराम का नारा लगाते नहीं सुना. ये एक सिख समुदाय का नारा था और टीम में मौजूद दो सिख सदस्‍य ये नारा लगाते थे.'


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