अखिलेश यादव को मिला भाजपा समर्थित पार्टी `अपना दल` का साथ, BJP की बढ़ी चिंता
Anupriya Patel: जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अखिलेश यादव को भाजपा समर्थित पार्टी `अपना दल` का साथ मिल गया है. दरअसल अनुप्रिया पटेल भी जातिगत जनगणना के समर्थन में उतर आई हैं. ऐसे में भाजपा की चिंता बढ़ना तय है. पढ़िए पूरी खबर
UP News: बिहार में जातिगत जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रोक लगा दी गई है. लेकिन नीतीश कुमार की तरह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी जातिगत जनगणना की हिमायत में हैं. लेकिन अब खुद भाजपा की साथी पार्टियों ने भी इसकी मांग करनी शुरू कर दी है. भाजपा की सहयोगी पार्टियों की तरफ यह आवाज़ उठाना भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.
उत्तर प्रदेश में सबसे पहले जातिगत जनगणना की मांग समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रखी थी. इसके बाद अखिलेश यादव की हिमायत में ओम प्रकाश राजभर भी आए. वहीं अब भारतीय जनता पार्टी की साथी पार्टी अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने भी अखिलेश यादव का साथ दे दिया है. एक टीवी प्रोग्राम के दौरान जब अनुप्रिया पटेल से इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने अखिलेश यादव की मांग का साथ दिया.
अपना दल अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने जवाब दिया कि हां जातिगत जनणना होनी चाहिए और पता लगना चाहिए कि सरकार की योजनाएं कितनों लोगों के पास पहुंच रही हैं. उन्होंने आगे कहा,"पूरी प्लानिंग बनाने के लिए सरकार के पास आंकड़े होने चाहिए." अनुप्रिया पटेल के ज़रिए रखी गई यह मांग भाजपा की चिंता बढ़ा सकती है, क्योंकि भाजपा जातिगत जनगणना के विरोध में खड़ी हुई है.
अनुप्रिया पटेल के अलावा अखिलेश यादव को इससे पहले भी कई नेताओं की हिमायत मिल चुकी है. भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी जातिगत जनगणना की बात कह चुके हैं. डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा था,"मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं. न तो मैं और न ही मेरी पार्टी इस विषय पर विपक्ष में हैं."
बिहार में हो रही जनगणना पर SC ने लगाई रोक:
बिहार में नीतीश सरकार जातिगत जनगणना करा रही थी लेकिन उस पर हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी. जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के आदेश का कायम रखा. हाई कोर्ट ने इस मामले को पहली नजर में असंवैधानिक मानते हुए रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई के दौरान कहा कि बेहतर पहले हाई कोर्ट में सुनवाई हो. 3 जुलाई को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. अगर वहां मामला नहीं सुना जाता है तो फिर 14 जुलाई को हमें जानकारी दी जाए.