Jammu and Kashmir News: जम्मू व कश्मीर के जिला पुलवामा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. इल्जाम है कि जिला पुलवामा में सेना के जवानों ने मस्जिद में घुसकर लोगों से 'जय श्री राम' के नारे लगवाए. मामला पुलवामा के जदूरा गांव का है. मकामी लोगों का कहना है कि अधिकारियों ने मामले की जांच कराने की बात कही है. इस मामले में जम्मू व कश्मीर के कई नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है. 


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'जय श्री राम' का नारा लगवाया


अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने एक मकामी शख्स के हवाले से लिखा है कि "मुएज्जिन (जो लाउडस्पीकर पर बोल रहा था) जब अजान के बीच में था, तभी सेना के जवान मस्जिद में घुसे और उससे 'जय श्री राम' का नारा लगाने को कहा. उन्होंने वहां खुद इस नारे को लगाया."


ऐसा तब हो रहा है जब अमित शाह यहां हैं


इस मामले के बारे में जम्मू व कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक (PDP) महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा है कि "50 राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों के पुलवामा की मस्जिद में घुसकर मुसलमानों से जबरन 'जय श्री राम' का नारा लगवाने की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. ये तब हो रहा है जब अमित शाह यहां हैं और यात्रा (अमरनाथ) से पहले ऐसा करना उकसावे की तरह है. राजीव घई (चिनार कॉर्प्स के कमांडर) से अनुरोध है कि मामले की जांच करवाएं."



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उमर अब्दुल्लाह ने कहा निंदनीय है मामला


इस मामले में जम्मू व कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्लाह ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि "लवामा के जदूरा की मस्जिद में सुरक्षा बलों के जाने की रिपोर्ट बेहद निंदनीय है. उनका मस्जिद में अपने आप में खराब है, लेकिन जैसा स्थानीय लोगों ने बताया कि लोगों को 'जय श्री राम' का नारा लगाने पर मजबूर किया गया, ये अस्वीकार्य है. मुझे उम्मीद है कि राजनाथ सिंह इन रिपोर्ट्स पर समयबद्ध और पारदर्शी जांच करने के लिए निर्देश देंगे."


गुलाम नबी आजाद भड़के


जम्मू व कश्मीर एक दूसरे बड़े नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि "पुलवामा मस्जिद में हुई कथित घटना की मैं कड़ी निंदा करता हूं. फिलहाल ये सिर्फ आरोप हैं लेकिन हमें तुरंत इस मामले की सच्चाई का पता करना होगा. ऐसी चीजें न तो हमारी संस्कृति में हैं और न ही कानून इसकी अनुमति देता है. सरकार से इस घटना की जांच की मांग करता हूं. जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए."



अधिकारिक बयान नहीं आया


एक खबर के मुतबिक श्रीनगर के रक्षा प्रवक्ता ने बताया है कि उनहोंने सेना के जवानों से इस मामले में जनाकारी मांगी है. हालांकि इस मामले पर अभी भी कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है.


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