Assam News: असम सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ मोर्चा खोला है. बाल विवाह के खिलाफ अभियान के तहत पुलिस ने 3,047 लोगों को गिरफ्तार किया है. बाल विवाह के इल्जाम में 4 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. इसी के साथ 6,707 मुल्जिमों की पहचान की गई है. असम के मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक ट्वीट में कहा कि "बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इस कुप्रथा को रोका जाए."


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हालांकि बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से असम की विपक्षी पार्टियां खुश नहीं है. उनका कहना है कि सरकार गैर जरूरी लोगों को परेशान कर रही है. इसके साथ ही सरकार एक खास कम्युनिटी को निशाना बना रही है.



असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि "हिमांता बिस्वा शर्मा सिर्फ मुस्लिम परिवारों के खिलाफ बाल विवाह प्रतिरोध करवाही कर रही है. जितने भी हिंदुओं को गिरफ्तार किया गया था, उन्हें 24 घंटे में छोड़ दिया, सिर्फ मुसलमानों को जेल में बंद करके रक्खा गया है. नेशनल मीडिया में आकर नेशनल लीडर बनने के लिए रोज मेकप करके हिमांता मुसलमानों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. लगातार मुसलमानों के खिलाफ हिमंता का कदम देश में तनाव का माहौल पैदा कर रहा है."


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एविक्शन ड्राइव में भी चुन-चुन कर मुसलमानों के घरों को तोड़ा जा रहा है. कोर्ट ने असम सरकार को इविक्शन और बाल विवाह के खिलाफ सरकार की मनसा को फटकार लगाया, लेकिन फिर भी इनको शर्म नही आती है. हम चाहते हैं कि देश में सभी विरोधी एक साथ भाजपा आरएसएस के खिलाफ एक मंच पर आए."


दरअसल असम सरकार ने राज्य में 14 साल से काम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरूषों को पॉक्सो एक्ट के तहत और 14-18 साल की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों को पीसीएमए के तहत मामला दर्ज करने का फैसला किया है. सरकार का कहना कि इससे राज्य में बाल विवाह पर लगाम लगेगी.


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