Azam Khan reaction on punishment: समाजवादी पार्टी के लीडर आज़म ख़ान को 2019 के हेट स्पीच मामले (Azam Khan Hate Speech Case) में क़ुसूरवार ठहराया गया. कोर्ट ने उन्हें 3 साल की सज़ा सुनाई और 25 हज़ार जुर्माना भी लगाया. लेकिन कुछ मिनटों बाद ही आज़म ख़ान को इस मामले में ज़मानत भी मिल गई. आपको बता दें आज़म ख़ान पर योगी आदित्यनाथ और उस वक़्त के मजिस्ट्रेट आंजनेय कुमार सिंह के ख़िलाफ़ तब्सिरा करने के इल्ज़ाम में 9 अप्रैल 2019 में केस दर्ज किया गया था.


आज़म ख़ान ने क्या कहा?


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कोर्ट का फैसला आने के बाद अब आज़म ख़ान ने अपना रिएक्शन (Azam Khan Statement) दिया है. उन्होंने कहा है कि कोर्ट के ज़रिए दी गई सज़ा ज़्यादा थी, जिसमें ज़मानत का इल्तेज़ाम (प्रावधान) है. जिस बुनियाद पर ज़मानत मिली है उससे मैं इंसाफ़ का क़ायल हो गया हूं. आपको बता दें कि आज़म ख़ान को 27 अक्टूबर को क़ुसूरवार क़रार दिया गया था और शाम को ही उनकी सज़ा का ऐलान हो गया था.


 आज़म ख़ान की ख़त्म होगी असेंबली मेंबरशिप ?


ऐसा कहा जा रहा है कि कोर्ट के इस फैसले के बाद आज़म ख़ान की असेंबली मेंबरशिप रद्द हो सकती है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में एक ऑर्डर जारी किया था. जिसके मुताबिक़ अगर एमपी और एमएलए को किसी भी मामले में दो साल से ज़्यादा की सज़ा होती है तो उनकी मेंबरशिप ख़त्म हो जाएगी.


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सरकारी वकील ने कही ये बात


सरकारी वकील अजय तिवारी ने कहा है कि भड़काऊ स्पीच देने के मामले में रामपुर से समाजवादी के एमएलए आज़म ख़ान को एमपी-एमएलए अदालत ने आईपीसी की दफा 153—क (मज़हबी जज़्बात भड़काना), 505—क (अलग-अलग समुदायों के बीच दुश्मनी, नफ़रत के जज़्बात पैदा करने ) और प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा  (अवामी नुमाइंदगी एक्ट) 125 (चुनाव के सिलसिले में मुख़्तलिफ़ तबक़ों के बीच दुशमनी बढ़ाना) के तहत क़ुसूरवार क़रार दिया है.