Karnataka News: कर्नाटक के बेंगलुरू सिटी रेलवे स्टेशन पर उस वक्त हंगामा हो गया जब, जब शुक्रवार रात जयपुर से करीब डिब्बों में लदा करीब तीन टन वजनी मांस ट्रेन के जरिए यहां पहुंचा. यह जानकारी रेलवे सूत्रों ने दी. कत्ल के इल्जाम में जेल जा चुके गौरक्षक पुनीत केरेहल्ली ने दावा किया कि यह कुत्ते का मांस था. हालांकि, मांस का ऑर्डर देने वाले मीट डीलर अब्दुल रज्जाक ने इस इल्जाम को सिरे से खारिज किया है.


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गोश्त पर हंगामा
अब्दुल रज्जाक ने कहा कि खेप कानूनी तौर पर ऑर्डर की गई थी और यह कुत्ते का मांस नहीं बल्कि भेड़ का मांस है. मीट व्यापारी ने कहा, "हमारे पास इसे साबित करने के लिए कानूनी दस्तावेज हैं. जिस जानवर का वध किया गया, उसकी पूंछ देखी जा सकती है. यह भेड़ का मांस है, कुत्ता नहीं." उन्होंने इल्जाम लगाया कि केरेहल्ली झूठे इल्जाम लगाकर पैसा कमाना चाहता था. हंगामे की वजह से वहां बड़ी तादाद में लोग जमा हो गए और हालात को देखते हुए पुलिस तैनात कर दी गई.


कुत्ते का गोश्त होने का इल्जाम
ओकालीपुरम रेलवे स्टेशन पर पुलिस पहुंची और उसने मांस को कब्जे में लिया है. संबंधित अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं कि ये गोश्त कहां से भेजा गया. साथ ही यह भी पता कर रहे हैं कि क्या इस गोश्त को भेजने वाले के पास जरूरी परमिट है. मौके पर खाद्य निरीक्षक भी पहुंचे हैं. वह यह जांच कर रहे हैं कि क्या ये गोश्त खाने लायक है या नहीं. हिंदू संगठन इसलिए हंगामा कर रहे हैं कि उनको लग रहा है कि यह कुत्ते का मांस है. इसकी वजह यह है कि मार्केट में मटन 800 रुपये किलो मिल रहा है जबकि ट्रेन से लाया गया गोश्त 600 रुपये किलो मिल रहा है. 


हिंदू सगठनों का इल्जाम
हिंदू संगठनों का इल्जाम है कि पूरे बेंगलुरू में कई जगह पर मटन की जगह कुत्ते का मांस परोसा जा रहा है. उनका कहना है कि चूंकि ये गोश्त काफी सस्ता मिलता है इसलिए कई बड़े होटल इसी मांस को परोसते हैं. हालांकि मांस व्यापारी अब्दुल रज्जाक ने कहा है कि आप चाहे तो जांच करा लें ये कुत्ते का गोश्त नहीं बल्कि बकरे का गोश्त है.


कुत्ते के गोश्त पर नियम
ख्याल रहे कि भारत में कुत्ते का गोश्त खाना और उसका व्यापार करना कानूनी तौर से अपराध है. गोश्त को लेकर राज्यों के अपने नियम हैं. नागालैंड और मिजोरम में कुत्तों के गोश्त को लेकर खास नियम हैं. अरुणाचल प्रदेश ने 2019 में कुत्ते के गोश्त बेचने पर पाबंदी लगा दी थी.