Bengaluru News: क्यों गिरफ्तार हुए BJP वर्कर्स? नीतीश कुमार को लेकर की थी ये हरकत
Bengaluru News:: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मजाक उड़ाना भाजपा कार्यकर्ताओं को महंगा पड़ गया है. बेंगलुरू पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्कॉल करें
Bengaluru News:: विपक्षी दलों की बैठक के लिए 18 जुलाई को बेंगलुरु की यात्रा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मजाक उड़ाने वाले पोस्टर लगाने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान श्रीराम, मोहन और नंद कुमार के रुप में कि गई है. आरोपियों ने बेंगलुरू की सड़कों पर नीतीश कुमार पर अपमानजनक समाग्री वाला पोस्टर चिपकाने का आरोप है. इसमें मोहन और श्रीराम भाजपा के कार्यकर्ता बताए जा रहें हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि आरोपियों द्वारा नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्हें अस्थिर प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताते हुए पोस्टर शहर में लगाए गए थे. जबकि श्रीराम ने पोस्टर प्रकाशित करने के लिए पैसे दिया था. वही नंद कुमार की प्रिंटिंग प्रेस का उपयोग सामग्री को मुद्रित करने और पोस्ट करने के लिए किया गया था.
फिर पोस्टरों को मोहन के एक मिनी-टेम्पो में ले जाया गया. अपमानजनक पोस्टर को पूरे शहर में घुमाया गया. तीनों आरोपी शेषाद्रिपुरम के रहने वाले हैं. 18 जुलाई को विपक्षी दलों की बैठक से पहले बेंगलुरु के एक प्रमुख ट्रैफिक जंक्शन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके राज्य में सुल्तानगंज पुल ढहने के लिए दोषी ठहराने वाले पोस्टर सामने आया था.
पोस्टरों में से एक में लिखा है कि "बिहार सरकार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का स्वागत है. सुल्तानगंज पुल बिहार को नीतीश कुमार का उपहार है. जो टूट रहा है. जबकि बिहार में पुल उनके शासनकाल का सामना नहीं कर सकते हैं. विपक्षी पार्टी अभियान का नेतृत्व करने के लिए उन पर भरोसा करें."
एक अन्य पोस्टर में लिखा गया कि "अस्थिर प्रधानमंत्री पद के दावेदार बेंगलुरु ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए रेड कार्पेट बिछाया है. सुल्तानगंज पुल ढहने की पहली तारीख अप्रैल 2022, सुल्तानगंज पुल ढहने की दूसरी तारीख जून 2023 है."
आपकों बता दें कि शहर में विभिन्न स्थानों पर पोस्टर दिखने के बाद पुलिस हरकत में आई और दोषियों की गिरफ्तारी के लिए जांच शुरू कर दी. मई 2024 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए विपक्षी नेताओं ने 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में अपनी दूसरी बैठक हुई थी. 26 दलों के विपक्षी गठबंधन को भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) नाम दिया गया है.
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