Bengaluru Water Crisis: बेंगलुरु में नगर निकाय प्राधिकारियों ने शहर में भूजल स्रोतों को फिर से भरने के लिए खुश्क हो चुकी झीलों में हर दिन 130 करोड़ लीटर उपचारित पानी भरने का फैसला किया है. शहर में तकरीबन 50 फीसद बोरवेल पूरी तरह से सूख गए हैं. बेंगलुरु में पानी की परेशानी से निपटने के मकसद से नगर निकाय बेंगलुरु जल आपूर्ति व सीवरेज बोर्ड (BWSSB) जायजा लेने के बाद पानी की सप्लाई के लिए झीलों की तलहटी के करीब एक नई तकनीक का इस्तेमाल करके फिल्टर बोरवेल भी लगाएगा और जल संयंत्रों का निर्माण करेगा.


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 बीडब्ल्यूएसएसबी के चेयरमैन राम प्रसाथ मनोहर ने बताया कि, यह कदम भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के साथ मिलकर उठाया गया है. इससे तकरीबन 20-30 एमएलडी और पानी मिलने की उम्मीद है. सिंचाई विभाग पहले ही कोटे झील के जल का शोधन कर देवनहल्ली में पानी की सप्लाई कर रहा है. जहां केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्थित है. अधिकारी ने बताया कि, इस स्कीम के मुताबिक शुरुआत में बेलंदूर, वरथूर, नयंदाहल्ली, हीरोहल्ली, अत्तूर और जक्कुर में झीलों को फिर से पानी से भरा जाएगा.



अधिकारियों ने बताया कि बेंगलुरु को 2,100 मेगालीटर प्रति दिन (एमएलडी) पीने के पानी की आवश्यकता है. जिनमें से 1,450 एमएलडी पानी कावेरी नदी से आता है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जुलाई तक के लिए झीलों में पर्याप्त पानी है. अधिकारियों ने बताया कि शहर को मार्च से मई तक 8000 मिलियन घन मीटर (टीएमसी) पानी की जरूरत है जबकि जलाशयों में सिर्फ 34 टीएमसी पानी है. उन्होंने बताया कि शहर की 650 एमएलडी की जल आपूर्ति बोरवेल के पानी से होती है. जिनमें बारिश न होना, भूजल के गिरते स्तर और भूजल के दोहन की वजह से 250 एमएलडी की कमी है.



इस बीच, बेंगलुरु जल आपूर्ति व सीवरेज बोर्ड ने जल आपूर्तिकर्ताओं को बढ़ावा देने के मकसद से पानी के टैंकर मालिकों के लिए रजिस्ट्रेशन की मुद्दत 15 मार्च तक बढ़ा दी है. अभी तक, 1,530 टैंकरों का पंजीकरण हुआ है. इस सिलसिले में डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार ने कहा कि, जल माफिया से निपटने के लिए सरकार ने पानी के प्राइवेट टैंकरों को अपने कब्जे में ले लिया है. शिवकुमार ने कहा, शहर में तकरीबन 50 फीसद बोरवेल सूख गए हैं. हमने शहर के बाहर के स्रोतों से पानी की सप्लाई के लिए पानी के हजारों प्राइवेट टैंकरों को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है.



इस बीच, अपोजिशन पार्टी बीजेपी ने बेंगलुरु में पानी के बोहरान से निपटने में नाकाम होने की मुखालेफत में 11 मार्च को शहर में एहतेजाज करने की स्कीम बनाई है. इसके जवाब में शिवकुमार ने कहा, अगर वे कोई रचनात्मक सुझाव देते हैं तो हम यकीनी तौर पर उन पर गौर करने के लिए तैयार हैं.