Bihar Bridges Collapse: बिहार में पुल गिरने का सिलसिला नहीं थम रहा है. लगातार पुल गिरने की खबर आ रही है. पिछले तीन हफ्ते में 12 पुलों के जलसमाधि लेने के बाद बिहार सरकार नींद खुली है. इस मामले में नीतीश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 इंजीनियर नंलबित कर दिया है, जबकि इंजीनियर से स्पष्टीकरण मांगा है. जिन 15 इंजीनियर पर गाज गिरी है उनमें 4 रूरल अफेयर्स डिपार्टमेंट के और 11 जल संसाधन विभाग के हैं. वहीं, 2 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, 4 असिसटेंट इंजीनिर और 2 कनीय अभियंता (Junior Engineer) शामिल हैं. इसके साथ ही सरकार ने मातेश्वरी कंस्ट्रक्शन कंपनी ब्लैक लिस्ट कर दिया है.


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सरकार ने यह एक्शन जांच समिति द्वारा जल संसाधन विभाग को जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद लिया है. दरअसल, जल संसाधन विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी चैतन्य प्रसाद ने कहा है कि जांच में इंजीनियर्स की लापरवाही पाई गई है. इसकी वजह से राज्य में कई छोटे पुल ढह गए. बता दें कि पुल गिरने की घटना सबसे पहले अररिया में हुई थी. इसके बाद लगातार अलग-अलग जिलों से पुल गिरने की घटनाएं हुईं. अररिया के बाद सीवान, सारण, मधुबनी, और पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिले में पुल गिरने की घटानाएँ हुईं .


विपक्ष ने साधा निशाना
बिहार में पुल गिरने के मामले को लेकर विपक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी पर जमकर निशाना साधा. राजद नेता व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार को निशाने पर लेकर पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर शुक्रवार को पटना में जमकर हमला बोला. यादव ने नीतीश सरकार और बिहार में सहयोगी पार्टी बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा, "पुल निर्माण की स्वीकृति, टेंडर, शिलान्यास, उद्घाटन की तारीख जारी करें. सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा."


24 घंटे में गिरे तीन पुल
गौरतलब है कि सारण जिले में गुरुवार, 4 जुलाई को एक और पुल गिर गया था. इसको लेकर डीएम ने बताया कि पिछले 24 घंटे के अंदर सारण में पुल ढहने का यह तीसरा हादसा है. पुल गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए हाई लेवल इनवेस्टिगेशन का आदेश दिया गया है. बता दें कि गंडकी नदी पर बना पुल अचानक धाराशायी हो गया था. बनयपुर ब्लॉक का यह छोटा सा पुल सारण के कई गांवों को पड़ोसी जिला सिवान से जोड़ता था.