हैदराबादः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ के भारतीय जनता पार्टी के मूलमंत्र को रेखांकित करते हुए पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में इतवार को सलाह दी कि कार्यकर्ताओं को अल्पसंख्यकों में जो वंचित और कमजोर तबका है, उनके बीच भी जाकर पहुंच बनानी चाहिए. प्रधानमंत्री ने यह सुझाव पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा बैठक में दी गई एक प्रस्तुति के दौरान दिया. भाजपा ने हाल ही में रामपुर और आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनावों जीत दर्ज की है. इन दोनों लोकसभा क्षेत्रों को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है और इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता हैं.

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मुसलमानों में कौन हैं पसमांदा 
मोदी ने कहा कि भारतीय राजनीति में हिन्दुओं के सामाजिक समीकरणों को लेकर कई प्रयोग किए गए है और पसमांदा मुसलमानों जैसे सामाजिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यकों के बीच पहुंच बनाने के भी प्रयास किए जाने चाहिए. पसमांदा मुसलमानों के नेता अक्सर दावा करते हैं कि अल्पसंख्यक आबादी में 80-85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान हैं लेकिन अल्पसंख्यक नेताओं ने अल्पसंख्यकों के नाम पर जो विमर्श चलाया, वह वास्तव में उच्चवर्गी मुसलमानों का विमर्श है. पसमांदा से आशय पिछड़े या दबे-कुचले अल्पसंख्यकों से है.

सभी दलों ने उन्हें खूब ठगने का काम किया है
इस समाज के नेता कांग्रेस, समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते रहे हैं कि इन दलों ने उन्हें खूब ठगने का काम किया है. मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी के कार्यकर्ता सिर्फ हिन्दू समाज के पिछड़े और कमजोर तबके में ही पहुंच ना बनाएं, बल्कि अल्पसंख्यकों के बीच भी जाएं और उनके कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उन्हें मिले, यह सुनिश्चित करना चाहिए. पिछले साल भाजपा पदाधिकरियों की एक बैठक में मोदी ने ऐसा ही एक सुझाव दिया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी को केरल में ईसाई समुदाय तक पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि वहां उसका जनाधार मजबूत हो सके.पार्टी के नेताओं का कहना है कि भाजपा अल्पसंख्यकों के बीच अपना जनाधार बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. 


भारत को ‘‘श्रेष्ठ’’ बनाने की दिशा में करें काम 
इससे पहले मोदी ने राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वह देश में लंबे समय तक शासन करने वाले दलों द्वारा की गई गलतियों से सीख लें, जो आज अपना अस्तित्व बचाने में लगे हुए हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा का लक्ष्य भारत को तुष्टिकरण से तृप्तिकरण की ओर ले जाना है. कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं से भारत को ‘‘श्रेष्ठ’’ बनाने की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया और कहा कि वह अपने व्यवहार में संयम बरतने, संतुलन साधने और समन्वय के साथ काम करने के गुण विकसित करें. दो दिनों तक यहां के हैदराबाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हुई भाजपा की राष्ट्रीय समिति के दौरान संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा की गई तथा केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों और उसके सुशासन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की जमकर सराहना की गई.


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