नई दिल्ली: सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में अपनी जांच में पता लगाया है कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की मिल्कियत वाली कंपनियों ने फर्जी अहद नामों (लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग) और विदेशी साख खतों (फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट) का इस्तेमाल कर पीएनबी से 6,344.96 करोड़ रुपए हासिल किए.


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सीबीआई ने पिछले हफ्ते मुंबई में एक स्पेशल अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट में ये बातें कही हैं. एजेंसी ने कहा कि पीएनबी के मुलाज़िमों ने मुबैयना तौर पर चोकसी से हाथ मिलाकर बैंक के साथ बेइमानी की.


एजेंसी के मुताबिक, पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा (मुंबई) में अधिकारियों ने मार्च-अप्रैल 2017 के दौरान 165  अहद नामा (एलओयू) और 58 विदेशी साख पत्र (एफएलसी) जारी किए थे जिनकी बुनियाद पर 311 बिलों में छूट दी गयी. बिना किसी पाबंदी सीमा या नकदी सीमा के चोकसी की कंपनियों को ये पत्र जारी किए गए.


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एलओयू, बैंक की जानिब से उसके कस्टमर की तरफ़ से किसी विदेशी बैंक को दी गयी गारंटी होती है. अगर कस्टमर विदेशी बैंक को पैसा नहीं लौटाता तो देनदारी गारंटर बैंक की होती है.
सीबीआई के सप्लीमेंट्री चार्जशीट में इलज़ाम हैं, 'जब आरोपी कंपनियों ने कथित फर्जी एलओयू और एफएलसी की बुनियाद पर अर्जित रक़म की अदायगी नहीं की तो पीएनबी ने विदेशी बैंकों को बकाया ब्याज समेत 6,344.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया.'


पीएनबी ने चोकसी पर उसके साथ 7,080 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का इलज़ाम लगाया है. एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि मामले में अभी जांच चल रही है और बैंक को हुए नुकसान का आखिरी आंकड़ा सारे एलओयू ती तहकीक और जांच पूरी होने के बाद ही पता चल सकता है.


सीबीआई ने इस मामले में अपने पहले चार्जशीट में नामजद 18 आरोपियों के अलावा सप्लीमेंट्री चार्जशीट में चार नए आरोपियों के नाम शामिल किए हैं. इनमें गीतांजलि ग्रुप की कंपनियों के पूर्व अंतरराष्ट्रीय प्रमुख सुनील वर्मा, पीएनबी के दो अधिकारी सागर सावंत और संजय प्रसाद और ग्रुप के तहत आने वाले ब्रांड जिली और नक्षत्र के निदेशक धनेश सेठ हैं.


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चोकसी और उसकी कंपनियों के खिलाफ मामले में इबतदाई चार्जशीट दायर किये जाने के तीन साल से ज्यादा समय बाद सप्लीमेंट्री चार्जशीट ऐसे समय में दायर किया गया है जब भगोड़े हीरा कारोबारी चोकसी के खिलाफ डोमिनिका की अदालत में कानूनी कार्यवाही चल रही है. चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से पुरअसरार तरीके से गायब होने के बाद 24 मई को डोमिनिका में गौरकानूनी प्रवेश के मामले में गिरफ्तार किया गया था.


चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, 'तीन साल के बाद सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया जाना ज़ाहिर करता है कि यह सिर्फ उन विसंगतियों को ढकने की कोशिश है जिन्हें बचाव पक्ष ने पहले चार्जशीट में इशारा किया था. अब सबूतों को खराब करने के लिए आईपीसी की धारा 201 को जोड़ना कानूनी रूप से कुबूल नहीं है क्योंकि कोई दस्तावेज अदालत में दाखिल किए जाने के बाद ही सबूत बनता है और आरोप प्राथमिकी से काफी पहले की अवधि के हैं.'


चोकसी पीएनबी घोटाला सामने आने से कुछ सप्ताह पहले जनवरी, 2018 में भारत से फरार हो गया था और तब से एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा है.
(इनपुट- पीटीआई)


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